Politics : केजरीवाल का ट्वीट हुआ वायरल, लिखा- ‘राहुल गांधी सोचते हैं देश के सब लोग बेवकूफ हैं..’ | Nation One
Politics : राजनीति क्या न करवाए ? कब किसी से दोस्ती करवा दे और कब किसी का दुश्मन बनवा दे, ये सब राजनितिक नफा-नुकसान पर ही निर्भर करता है।
राजनितिक लाभ और हानि को देखते हुए राजनेताओं के विचार और स्टैंड लगातार बदलते रहते हैं। ऐसा ही कुछ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के मामले में भी देखने को मिल रहा है।
दरअसल, 23 मार्च को ‘सारे मोदी चोर हैं’ मामले में सूरत की एक कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए 2 साल जेल की सजा सुना दी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के 2013 के आदेश के अनुसार शुक्रवार (24 मार्च) को उनकी लोकसभा सदस्यता निरस्त हो गई।
Politics : गिरफ़्तारी से राहत देते हुए 30 दिन की मोहलत
हालाँकि, सूरत कोर्ट ने राहुल को गिरफ़्तारी से राहत देते हुए 30 दिन की मोहलत दी थी, ताकि वे ऊपरी कोर्ट में अपील कर सकें। किन्तु, वरिष्ठ वकील और कांग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता कपिल सिब्बल का कहना है कि, जब राहुल गांधी को सजा सुनाई गई थी, उसी समय उनकी सदस्यता ख़त्म हो गई थी, ये सुप्रीम कोर्ट का आदेश है।
बहरहाल, फ़िलहाल इस मामले को लेकर राजनीति अपने चरम पर है, विपक्ष जहाँ राहुल की सदस्यता ख़त्म करने को लोकतंत्र की हत्या बता रहा है, वहीं, सत्ताधारी नेता इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन बता रहे हैं।
इसी मामले को लेकर दिल्ली सीएम अरविन्द केजरीवाल ने भी केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा था, उन्होंने कहा था कि, ‘लोक सभा से राहुल गांधी जी का निष्कासन चौंकाने वाला है। देश बहुत कठिन दौर से गुज़र रहा है। पूरे देश को इन्होंने डरा कर रखा हुआ है। 130 करोड़ लोगों को इनकी अहंकारी सत्ता के ख़िलाफ़ एकत्र होना होगा।’
Politics : 10 साल पुराना ट्वीट वायरल
हालाँकि, सीएम केजरीवाल के इस ट्वीट के बाद उनका एक 10 साल पुराना ट्वीट वायरल हो रहा है, जिसमे उन्होंने कहा था कि, ‘राहुल गांधी सोचते हैं इस देश के सब लोग बेवकूफ हैं। खुद ही अध्यादेश लाते हो, खुद ही फाड़ते हो।’
बता दें कि, अरविन्द केजरीवाल का ये ट्वीट उस घटना को लेकर था, जिसमे राहुल गांधी ने कांग्रेस की प्रेस वार्ता में पहुंचकर अपनी ही सरकार का अध्यादेश फाड़ दिया था।
दरअसल, 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश देते हुए कहा था कि, कोई भी सांसद या विधायक किसी मामले में 2 साल या उससे अधिक की सजा के लिए दोषी पाया जाता है, तो उसकी सांसदी या विधायकी ख़त्म हो जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ तत्कालीन मनमोहन सरकार एक अध्यादेश लेकर आई थी, जिसमे अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद भी सांसद या विधायक को 3 महीने का समय दिया गया था, ताकि वो अपनी सजा के खिलाफ अपील कर सके।
Politics : मनमोहन सरकार को अपना अध्यादेश वापस लेना पड़ा
लेकिन, राहुल गांधी ने अपनी ही सरकार के इस अध्यादेश को बीच प्रेस कांफ्रेंस में फाड़ दिया था। जिसके बाद मनमोहन सरकार को अपना अध्यादेश वापस लेना पड़ा और अब सुप्रीम कोर्ट के उसी आदेश के कारण राहुल गांधी की सांसदी चली गई है।
यही नहीं, केजरीवाल खुद इस अध्यादेश का विरोध कर रहे था। यानी स्पष्ट शब्दों में कहें तो केजरीवाल चाहते थे कि, यदि किसी सांसद-विधायक को दोषी पाया जाए, तो फ़ौरन उसकी सदस्यता समाप्त हो।
केजरीवाल 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ थे, लेकिन, आज राहुल गांधी की सदस्यता जाने पर उनका रुख बदल गया है। शायद सीएम केजरीवाल इसलिए राहुल गांधी का समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि दोनों विपक्ष में हैं, यदि राहुल सत्ता का हिस्सा होते, तो शायद केजरीवाल जी का स्टैंड कुछ अलग होता।
Politics : केजरीवाल ने कांग्रेस को बताया था गाली
बता दें कि, 4 दिन पहले ही सीएम केजरीवाल ने एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस को ‘गाली’ तक कह दिया था। रिपोर्ट के अनुसार, जब सीएम केजरीवाल से पूछा गया कि ‘क्या आप नई कांग्रेस हैं’, तो उन्होंने जवाब दिया कि, ‘मुझे कांग्रेस नहीं बनना। मतलब ऐसे गाली मत दो। मुझे जनता की पार्टी बनना है।’
हालाँकि, केजरीवाल की खुद की आम आदमी पार्टी के दो बड़े नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन इस समय भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद हैं और उन्हें जमानत नहीं मिल रही है।
ऐसे में सीएम केजरीवाल 14 विपक्षी दलों को साथ लेकर CBI-ED की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हुए हैं, और एजेंसियों के दुरूपयोग का आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस को जमकर कोसने वाले केजरीवाल इस समय राहुल गांधी मामले में कांग्रेस के प्रति एकजुटता दर्शाते हुए नज़र आ रहे हैं।
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