राजस्थान में कांग्रेस की सरकार से टला सियासी संकट, पढ़े पूरी खबर | Nation One
राजस्थान में 32 दिन के सियासी संकट के बाद कांग्रेस की गाड़ी अब पटरी पर लौटती नजर आ रही है। इसके साथ ही अशोक गहलोत सरकार पर संकट के बादल भी छंट गए लगते हैं। राहुल गांधी की युवा ब्रिगेड़ की पहल पर सचिन पायलट की कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ मुलाकात और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सहमति की पूरी पटकथा लिखी गई।
बता दें कि सचिन पायलट को 14 जुलाई को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और उप-मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया था। इसके अलावा, पायलट गुट के दो विधायकों को भी उनके मंत्री पद से हटा दिया गया था। कांग्रेस के एक शीर्ष नेता के अनुसार, सोनिया गांधी का स्पष्ट संदेश था ‘सचिन पायलट को पार्टी से जाने नहीं देना है।’ जब गहलोत ने सार्वजनिक रूप से पायलट पर निजी हमला किया, तो उन्हें निर्देश दिया गया कि वे ऐसा न करें।
जानकारी के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि एक समझौता हुआ है, जिसमें तय किया गया है कि पायलट समूह के विधायक गहलोत सरकार में हस्तक्षेप नहीं करेंगे और बदले में, यह आश्वासन मिला कि बागियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। 200 सदस्यीय विधानसभा में गहलोत को 100 से अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में सचिन पायलट गुट के विधायकों को सरकार में महत्वपूर्ण पद दिए जाएंगे और नेताओं को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाएंगी। पायलट को कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा पद दिया जाएगा।
महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तीन नेताओं की एक समिति का गठन करेंगी जो सचिन और बागी विधायकों की चिंताओं और मांगों पर गौर करेगी। समिति उन कारणों पर गौर करेगी कि गहलोत सरकार में सचिन पायलट और उनके साथी विधायकों की उपेक्षा क्यों की गई।