प्रदर्शनकारियों को मनाने में पुलिस के छूटे पसीने

पिथौरागढ़ में मंगलवार को आरक्षण के विरोध में रैली निकाल रहे लोगों को प्रशासन ने जबरन रोक दिया। इस दौरान आरक्षण विरोधी रैली निकालने में जुटे लोगों की पुलिस-प्रशासन के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई। किसी तरह प्रदर्शनकारियों को शांत कराया गया। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को आरक्षण विरोधी रैली के संयोजक शमशेर सिंह महर, कर्मचारी नेता व राज्य आंदोलनकारी दिनेश गुरुरानी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन के लिए रामलीला मैदान पहुंचे। यहां पहले से ही भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था।

प्रदर्शनकारियों की पुलिस प्रशासन से हुई तीखी नोकझोंक

पुलिस ने रैली निकालने को जमा लोगों को नगर में प्रदर्शन नहीं करने दिया। इस दौरान जबरन रैली निकालने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों की पुलिस प्रशासन से तीखी नोकझोंक हुई। एसडीएम सदर एसके पाण्डे, सीओ शेखर सुयाल को प्रदर्शनकारियों को मनाने में पसीने छूट गए। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान अधिकारियों के सामने ही धारा 144 लगाने का कड़ा विरोध किया।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जनपद में निकाली गई एससी-एसटी की रैली को प्रशासन ने नहीं रोका, जबकि लोकतांत्रिक तरीके से रैली निकाल रहे सामान्य वर्ग की आवाज को दबाया जा रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। प्रदर्शन में ये रहे शामिल बीडी नियोलिया, केएस अधिकारी, ललित शाह, दान सिंह वल्दिया, दिनेश कापड़ी, संतोष सिंह, आशीष सौन, करन खाती, कमलेश कसनियाल, जगदीश धामी आदि शामिल रहे।

पुलिस प्रशासन व एसडीएम की मौजूदगी में प्रदर्शनकारियों ने आरक्षण के खिलाफ नारे लगाये। इस दौरान उन्होंने प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आरक्षण के रोग ने देश को बर्बाद कर दिया है। इसलिए इसे खत्म किया जाना आवश्यक है।

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