पुलिस ने रविवार सुबह स्थायी राजधानी की मांग को लेकर 11 दिनों से भूख-हड़ताल पर बैठे रणजीत शाह व महावीर पुंडीर को जबरन उठाकर अस्पताल में भर्ती करा दिया। वहीं हड़ताल को जारी रखते हुए चैखुटिया (अल्मोड़ा) से पूरन सिंह मेहरा व तेवाखर्क गैरसैंण के गोविन्द सिंह 9वें दौर में अनशन पर बैठ गए।
आंदोलन समिति अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट ने कहा कि शनिवार को द्वारहाट विधायक महेश नेगी ने आंदोलनकारियों से वार्ता की बात कही थी, जो झूठी निकली, जिससे प्रदेश सरकार की गैरसैंण के प्रति संजीदगी साफ दिखाई दे रही है और गैरसैंण स्थायी राजधानी घोषित करने तक आवाज उठाते रहेंगे। व आन्दोलन भी जारी रहेगा।
अनशनकारियों को उठाने में सफल रहा प्रशासन
रविवार प्रातः सात बजे तहसीलदार गैरसैंण दर्शन लाल मैठाणी पुलिस बल के साथ रामलीला मैदान पहुंचे और अनशनकारियों को स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उपचार के लिए अस्पताल चलने को कहा, इसका आंदोलनकारियों ने विरोध किया। नारेबाजी के साथ हल्का बल प्रयोग कर प्रशासन अनशनकारियों को उठाने में सफल रहा और एंबुलेंस की मदद से भूख-हड़ताल पर बैठे दोनों आंदोलनकारियों को सीएचसी गैरसैंण पहुंचाया, जहां उन्हें फोर्स फीड कराया गया।
दोपहर एक बजे पूर्व अनशनकारी वापस रामलीला मैदान आ गए और प्रतिस्थानी अनशनकारी गोविन्द सिंह व पूरन सिंह को भूख-हड़ताल पर बैठाया। इस मौके पर दान सिंह, धनीराम टम्टा, धूमा देवी, बिरेन्द्र सिंह, कुंवर सिंह, पुष्कर रावत, मंजू बिष्ट, कुंवर सिंह, सरोज शाह, कृष्णा नेगी, कमला पंवार आदि मौजूद थे।