पुलिस ने 351 बोतलों के साथ शराब तस्कर को किया गिरफ्तार
अवैध शराब के खिलाफ थाना पुलिस ने अभियान तेज कर दिया है। इसके लिए स्थान स्थान पर सघन वाहन तलाशी की जा रही है। गुरुवार दोपहर में पुलिस ने चेकिंग के दौरान मोहान के पास वाहन से एक व्यक्ति को अवैध अंग्रेजी शराब के 351 बोतलों के साथ पकड़ लिया। आबकारी एक्ट में चालान काटने के बाद उसे जमानत पर छोड़ दिया गया। क्षेत्र में बढ़ते शराब तस्करी की घटनाओं के चलते थाना पुलिस सतर्क हो गई है।
चेकिंग के दौरान पुलिस ने मोहान के पास तेज गति से आ रही मारूति वेन यूपी 07जी 8194 को रोककर तलाशी ली तो अंदर सफेद कट्टों में पैक अवैध अंग्रेजी शराब की 351 बोतलें बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी आदिल पुत्र अकरम तेलीपूरा रामनगर को गिरफ्तार कर लिया तथा बाद में कार को सीज कर दिया। बताया गया है कि शराब रामनगर से भिकियासैंण की ओर ले जाई जा रही थी। चेकिंग टीम में एएसआइ मोहन लाल, कांस्टेबल चंद्र पाल, तारा, मनमोहन सिंह व दीपक शामिल थे।
ठेकेदार की लापरवाही से कर्मचारियों को वेतन के लाले
अल्मोड़ा में भारत संचार निगम के दूरभाष केद्रों में कार्यरत सैकड़ों ठेका कर्मियों को ठेकेदार की लापरवाही के कारण पिछले पांच महीनों से वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है। जिस कारण अब उनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। मजबूरी में अब यह कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे जिले में कई स्थानों पर संचार सेवाएं चरमराने लगी है।
दरअसल भारत संचार निगम अपने दूरभाष केद्रों को चलाने के लिए टेंडर निकाल कर इसका ठेका किसी ठेकेदार को दे देता है। जिसके बाद ठेकेदार कर्मचारियों की तैनाती कर जिले में स्थापित दूरभाष केद्रों को संचालित करने का काम करता है। इस बार बीएसएनएल ने ग्वालियर के किसी ठेकेदार को इन दूरभाष केद्रों को संचालित करने का जिम्मा सौंपा। लेकिन ठेकेदार द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण भारत संचार निगम ने ठेकेदार का भुगतान रोक दिया। जिस कारण ठेकेदार ने सैंकड़ों कर्मचारियों को पिछले पांच महीने से वेतन नहीं दिया।
मामूली वेतन पर काम करने वाले इन कर्मचारियों की उम्मीद थी कि कभी ना कभी उन्हें उनके वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा। लेकिन पांच महीने बाद भी भुगतान न होने पर उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। सब्र का बांध टूटने के बाद अब इन कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। जिस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में संचार सेवाएं लड़खड़ाने लगी हैं। लेकिन बीएसएनएल और ठेकेदार के बीच चल रही तकरार कम होने का नाम नहीं ले रही है। जिसका खामियाजा सैंकड़ों कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है।