
उत्तराखंड की इस जगह का पीएम मोदी कर सकते हैं दौरा, 33 साल पहले की थी साधना…
देहरादून : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात अक्टूबर को केदारनाथ धाम के दर्शन कर सकते हैं। सरकारी मशीनरी इसी लिहाज से वहां निर्माण कार्यों की तैयारियों में जुटी है। मोदी केदारनाथ से गरुड़चट्टी तक ऑल टेरिन व्हिकल (एटीवी) से भी जा सकते हैं।
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जैसे की सबको पता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड से गहरा लगाव रहा है। यह लगाव आज का नहीं, बल्कि दशकों पुराना है। दरअसल, योग और आध्यात्म की इस सरजमीं पर हिमालय की कंदराओं में नमो ने 33 वर्ष पूर्व साधना की थी। यह स्थल है 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ धाम के नजदीक गरुड़चट्टी, जहां नमो रहा करते थे। तब वह रोजाना दो किमी नंगे पांव पैदल चलकर बाबा केदार के दर्शनों को जाते थे। हालांकि कुछ समय बाद वह यहां से वापस चले गए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने के बाद भी मोदी केदारनाथ आते रहे। बीते वर्ष केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के मौके पर प्रधानमंत्री ने तब पुराने दिनों की याद करते हुए कहा था कि एक दौर था जब वे यहीं रम गए थे लेकिन शायद बाबा केदार की यह इच्छा नहीं थी।
अगले माह अक्टूबर में प्रधानमंत्री देहरादून में इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन करने आ रहे हैं। माना जा रहा है कि इस दौरान प्रधानमंत्री केदारनाथ भी जा सकते हैं। हाल ही में मुख्य सचिव ने भी केदारनाथ जाकर यहां की तैयारियों को परखा था। तब उन्होंने केदारनाथ से गरुड़चट्टी जाने वाले मार्ग का भी जायजा लिया। बताया गया कि यह मार्ग ढाई किमी बन कर तैयार है। प्रधानमंत्री इतना लंबा सफर शायद ही पैदल तय करें इसके लिए ऑल टेरेन व्हीकल (एटीवी) की व्यवस्था की गई है।
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गरुड़चट्टी तक मार्ग बनाने के पीछे स्थानीय प्रशासन का एक मकसद और है। वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद ध्वस्त हो चुके पुराने पैदल मार्ग को भी वैकल्पिक मार्ग के रूप में बनाए जाने की योजना है। ऐसे में गरुड़ चट्टी के बाद रामबाड़ा के उपरी क्षेत्र और लिंचौली तक इस पैदल मार्ग को बनाया जा सकता है ताकि निकट भविष्य में इसे वैकल्पिक मार्ग के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।