ऑक्सफोर्ड कोविड-19 वैक्सीन के क्लीनिकल परीक्षण का दूसरा चरण चेन्नई और पुणे में शुरू | Nation One
पुणे के सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित किए जा रहे ऑक्सफोर्ड कोविड-19 वैक्सीन के दूसरे चरण का परीक्षण कल से शुरू हो गया। पुणे के मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि परीक्षण के दौरान दो पुरुषों को टीके लगाये गये।
भारती विद्यापीठ के मेडिकल कॉलेज, अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के चिकित्सा निदेशक डॉ संजय लालवानी ने बताया कि पांच स्वयं सेवकों पर कोविड और एंटीबॉडी परीक्षण किए गए थे। उनमें से, तीन स्वयंसेवकों के एंटीबॉडी परीक्षण की रिपोर्ट सकारात्मक आई, इसलिए वे परीक्षण के लिए अयोग्य हुए थे।
परीक्षण मे ‘कोविशिल्ड’ वैक्सीन का पहला शॉट दिया गया और एक अन्य 48 वर्षीय पुरुष स्वयंसेवक को भी यह टीका दिया गया। डॉक्टर ने बताया कि सभी 25 उम्मीदवारों को अगले सात दिनों में वैक्सीन दी जाएगी।
चेन्नई में, दो प्रमुख चिकित्सा संस्थानों ने ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित टीका कोविड-शिल्ड के दूसरे और तीसरे चरण का परीक्षण शुरू कर दिया है। चेन्नई, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा संयुक्त रूप से विकसित कॉविशिल्ड वैक्सीन का परीक्षण करने के लिए भारत के 17 स्थानों में से एक है।
सरकारी राजीव गांधी जनरल अस्पताल और श्री रामचंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च शहर के दो संस्थाएं हैं जो परीक्षण करते हैं। चेन्नई में परीक्षण के अध्ययन का समन्वय करने वाले सार्वजनिक स्वास्थ्य के राज्य निदेशक डॉ टी. एस. सेल्वा विनयागम ने बताया कि 18 वर्ष से अधिक की आयु के स्वस्थ स्वयं सेवकों को इसके नैदानिक परीक्षण में शामिल किया जा रहा है।
वायरल रोगजनक के खिलाफ श्वेत रक्त कणिकाओं में टी-कोशिकाओं पर 14 दिनों तक और एंटीबॉडीज को प्रशासित करने के बाद उन पर 28 दिनों तक नजर रखी जाती है। वायरस और कई अन्य कारकों को खत्म करने के लिए उनकी प्रभावशीलता की परीक्षण के दौरान पूरी तरह से जांच की जायेगी।