संस्कार निकेतन की ओर से रविवार को महिला सशक्तिकरण पर परिचर्चा के साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पहुंची 2018 की मिसेज इंडिया खिताब विजेता स्नेहा अग्रवाल को विशेष तौर पर सम्मानित किया गया। स्नेहा ने छात्राओं से कहा कि यदि मन में किसी कार्य को लेकर दृढ़ इच्छा है तो कुछ भी असंभव नहीं लगता।
रायपुर रोड स्थित गेमविला में आयोजित इस कार्यक्रम में महिला सम्मान और सशक्तिकरण को लेकर चर्चा की गई। इस अवसर पर स्नेहा अग्रवाल ने कार्यक्रम में मौजूद विभिन्न संस्थानों के छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि लोग बेटियों को कमतर न आंके। बेटियां बेटों के समान ही हैं। दुख की बात है कि कई लोग बेटियों को कोख में ही मार देते हैं।
उन्होंने कहा कि आज शादी के करीब 11 वर्ष बाद वह मिसेज इंडिया बनी हैं। पहले कम उम्र में शादी और उसके बाद दो बच्चों की जिम्मेदारी के चलते वह अपने सपनों को भूल सी गई थी। लेकिन दृढ़ इच्छा के चलते ही वह आज अपने सपनों को पूरा कर पाई हैं। स्नेहा ने कहा कि उन्हें इस सफलता में परिवार का भी भरपूर सहयोग मिला है।
आज बालिकाओं को प्रोत्साहित करने का समय
स्नेहा ने कहा कि आज बालिकाओं को प्रोत्साहित करने का समय है। ताकि वह भी अपने सपने पूरा कर सकें। इस मौके पर संस्था से जुड़ी योगाचार्या मधु सेमवाल एवं संस्था के अध्यक्ष आचार्य विपिन जोशी ने भी बालिकाओं को मजबूती देने और इनके सम्मान में अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में ऑल इंडिया कायस्थ कांफ्रेंस के कोषाध्यक्ष अजय भटनागर, जीएल सडाना आदि मौजूद रहे।
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