पंचेश्वर बांध के विरोध में जौलजीबी के लोगों ने धारचूला आकर जुलूस निकाला। साथ ही एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कहा कि बांध से महाकाली नदी किनारे रहने वाले गांवों का अस्तित्व नहीं रहेगा। इन लोगों ने अंतिम सांस तक बांध का विरोध करने का ऐलान किया है।
जौलजीबी, दूती बगड़ से धारचूला पहुंचे लोगों को पुलिस ने आर्मी तिराहे पर रोक लिया। लोगों की जिद के बाद उन्हें ज्ञापन देने के लिए तहसील कार्यालय तक आने की अनुमति दी गई। लोगों ने कांग्रेस नेता शकुंतला दताल और जौलजीबी व्यापार मंडल अध्यक्ष धीरेंद्र धर्मशक्तू के नेतृत्व में आर्मी तिराहे से तहसील कार्यालय तक नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला। इसके बाद एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया।
लगभग एक घंटे तहसील कार्यालय में धरना भी दिया। दताल और धर्मशक्तू ने कहा कि पंचेश्वर बांध बनने से पंचेश्वर से जौलजीबी तक नदी किनारे बसे भारत और नेपाल के सैकड़ों गांवों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। कई गांव बिखर जाएंगे। हजारों सालों से चल रही नदी एवं घाटी सभ्यता ही समूल नष्ट हो जाएगी।
सरकार की पुनर्वास नीति से पूरी तरह से असंतुष्ट हैं लोग
कहा कि वह लोग सरकार की पुनर्वास नीति से पूरी तरह से असंतुष्ट हैं। ज्ञापन में उन्होंने पंचेश्वर बांध परियोजना को विनाशक बताते हुए परियोजना को नहीं बनाने की मांग की। प्रदर्शन में दांतू की प्रधान भागीरथी दताल, क्षेत्र पंचायत सदस्य जानकी बुर्फाल, पूरन सेलाल, सोनी देवी दताल, ललित पतियाल, नंदन दताल, शादाब हुसैन, तारा कार्की, उपेंद्र पाल आदि शामिल थे। वहीं, पुलिस क्षेत्राधिकारी विमल आचार्य के नेतृत्व में बलुवाकोट, धारचूला थाने के पुलिस कर्मी मौजूद थे।