हंगामा है भाई हंगामा है! चाहे एनआरसी की बात करें या आजकल उत्तराखंड विधानसभा सत्र की बता, चारों तरफ हंगामा ही हंगामा है। जी हाँ, आपको बता दें श्राइन बोर्ड पर सदन से सड़क तक हंगामा शुरू हो गया है।
वहीं विधानसभा में कांग्रेस ने इस पर खूब हंगामा मचाया। इस दौरान वेल में आकर कांग्रेस के विधाय़कों ने धरना प्रदर्शन किया और नारायण-नाराय़ण का जाप भी किया।
हंगामें के चलते स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने सात बार सदन की कार्यवाही स्थगित की। वहीं ध्वनिमत के बाद 2533.90 करोड़ की अनपूरक अनुदान मांग के समेत कुल 6 विधेयक सदन में पारित किए गए।
हंगामे के बाद संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और विपक्ष पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
पंडा पुरोहितों के समर्थन में कांग्रेस और भाकपा और अन्य संगठनों ने सरकार को श्राइन बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग की। चारधाम हक-हकूकधारी तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने सोमवार को नेहरू कालोनी और धर्मपुर से विधानसभा कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रिस्पना पुल से आगे नहीं बढ़ने दिया।
इस बीच महापंचायत से जुड़े लोग रिस्पना पुल के पास हरिद्वार-देहरादून राजमार्ग के बीचों-बीच धरने पर बैठ गए। वहीं पंडा पुरोहितों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांग नहीं मांगी गई तो बड़ा आन्दोलन होगा।
पंडा पुरोहितों ने कहा कि सरकार की नजर तीर्थों की भूमि पर है। बोर्ड के गठन से न सिर्फ तीर्थ पुरोहितों और हक हकूकधारियों बल्कि घोड़ा, कंडी और छोटे व्यवसाय से जुड़े लोगों के हित भी प्रभावित होंग।
आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि कांग्रेस हक हकूकधारियों और तीर्थ पुरोहितों की लड़ाई को सड़क से लेकर सदन तक लड़ेगी और केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने भी सरकार पर तीखा हमला बोला।
वहीं बद्रीनाथ ब्रह्मकपाल के तीर्थ पुरोहित आचार्य नरेशानंद नौटियाल और धार्मिक पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी ने कहा कि बोर्ड के गठन को लेकर सरकार ने सभी को अंधेरे में रखा है। उन्होंने कहा कि वैष्णो देवी और उत्तराखंड में स्थित चार धामों एवं मंदिरों की व्यवस्थाएं अलग हैं। सरकार बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को निरस्त करे।