UKSSSC से पुलिस भर्ती की परीक्षा कराए जाने का विरोध, बेरोजगारों ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र | Nation One
उत्तराखंड पुलिस भर्ती की परीक्षा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से कराए जाने के फैसले का उत्तराखंड के बेरोजगार विरोध कर रहे हैं। देवभूमि बेरोजगार मंच के अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि उत्तराखंड कैबिनेट ने बुधवार को जो फैसला लिया वह बेरोजगारों के साथ अन्याय है।
इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए, राम कंडवाल ने कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को यह परीक्षा कराने कैसे दी जा सकती है। क्योंकि 4 साल से फॉरेस्ट गार्ड का रिजल्ट जारी नहीं हुआ जबकि अभी उसमें फिजिकल भी होना बाकी है।
इसके साथ ही प्रवर्तन और आबकारी सिपाही को भी लगभग 4 साल हो चुके हैं और इसकी लिखित परीक्षा नहीं हुई है। ऐसे में 15 सौ से ज्यादा पुलिस कांस्टेबल की भर्ती कराने में आयोग के पसीने छूट जाएंगे और यह भर्ती भी कई सालों तक लटकी रहेगी।
जबकि उत्तराखंड में कॉन्स्टेबल की बहुत जरूरत है। विधानसभा चुनाव और राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए जल्द से जल्द पुलिस भर्ती होनी चाहिए। और यह भर्ती उत्तराखंड पुलिस विभाग खुद करें या फिर किसी दूसरी संस्था को दें।
बेरोजगारों ने कहा कि हम कैसे मान लें कि उत्तराखंड पुलिस भर्ती पर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग जल्दी लिखित परीक्षा करा देगा या फिर उसका रिजल्ट जारी कर देगा। क्योंकि पिछले जो एग्जाम है उन सब एग्जाम में UKSSSC ने सालों लगा दिए।
बेरोजगारों ने सरकार से मांग की है कि यह फैसला तुरंत वापस लिया जाए और पुलिस की भर्ती भी जल्द निकाली जाए, वैसे भी बेरोजगार युवा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की प्रणाली से गुस्से में है और अब यह फैसला उत्तराखंड के बेरोजगारों को नही भा रहा।
देवभूमि बेरोजगार मंच इसके लिए उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखेगा और अगर पत्र का ठोस जवाब नहीं मिला तो युवा जल्द सड़कों पर उतरेंगे और अपनी मांग रखेंगे।