
उत्तराखंड का एक ऐसा मंदिर जहां निकलता है अखंड धुना…!
उत्तराखंड को देवों की भूमि ऐसे ही नहीं कहा जाता है। इसके पीछे तरह तरह के रहस्य छुपे है। उत्तराखंड पौराणिक काल से ही हिन्दुओं की क्रीड़ा भूमि रही है। उत्तराखंड के मुख्य धार्मिक स्थल – हरिद्वार, ऋषिकेश, गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ इत्यादि है। इसके साथ ही उत्तराखंड अनेक देवी – देवताओं की जन्मभूमि भी है।
शहर की हल चल से दूर हरियाली…
वहीं आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जहां आज भी प्राचीन काल से इस मंदिर में एक अखंड धुना निकलता है। देहरादून की वादियों में शहर की हल चल से दूर हरियाली और पक्षियों के बीच स्थित लक्षमण सिद्धपीठ मंदिर। जिसकी मान्यता देश के लेकर विदेश तक है। देहरादून से 12 किमी दूर यह प्राचीन मंदिर देहरादून- ऋषिकेष रोड़ पर स्थित है, जो अपने धार्मिक महत्व और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। घने जंगल और शांत वातावरण के वजह से इस मंदिर की सुंदरता देखते ही बनती है।
प्राचीन काल से इस मंदिर में एक अखंड धुना…
इस सिद्धपीठ से कुछ दूरी में एक कुआं भी है जहाँ माना जाता है की प्राचीनकाल में पानी दूध के रुप में निकलता था। लक्ष्मण जी ने अपने तीर से इस कुएं में से पानी निकाला था। वहीं प्राचीन काल से इस मंदिर में एक अखंड धुना हैं। इस धुनें की राख को प्रसाद के रुप में सभी श्रद्धालुगण को बांटा जाता है।मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की गई है। वहीं यहाँ गुड़ को भेंट के रुप में चढ़ाया जाता है, साथ ही उसी गुड़ का प्रसाद आशीर्वाद के रुप में भक्तों को दिया जाता है। लक्ष्मण सिद्ध मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से मनोकामना करतें हैं, उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है।