लखनऊः राज्यसभा के साथ-साथ विधानसभा की रिक्त सीटों पर भी चुनावी समीकरण बनते जा रहे हैं. राज्यसभा के लिए जहां उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की 11 सीटों पर चुनाव होना है वहीं, उत्तर प्रदेश विधानसभा की रिक्त आठ में से सात सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव होगा, जिसे 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
विधानसभा की जिन सीटों सात सीटों के लिए चुनाव होना है उनमें से छह पर भाजपा काबिज है. एक सीट समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ने जीती थी. अब इन सीटों पर 3 नवंबर को मतदान और 10 नवंबर को नतीजे घोषित होंगे.
आपको बता दें, जिन सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें उन्नाव की बांगरमऊ, फिरोजाबाद की टूंडला सुरक्षित, अमरोहा की नौगावां सादात, बुलंदशहर की बुलंदशहर सदर, कानपुर की घाटमपुर सुरक्षित, देवरिया की देवरिया सदर और जौनपुर की महल्हानी सीट शामिल हैं.
आठवीं सीट रामपुर की स्वार-टांडा विधानसभा थी. 2017 में सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम ने भाजपा की लक्ष्मी सैनी को 50 हजार वोटों से हराया था. तब बसपा के नवाब काजिम अली उर्फ नावेद मियां तीसरे स्थान पर रहे थे. नावेद की याचिका पर ही अब्दुल्ला की विधायकी रद्द कर दी गई थी. उन पर आरोप था कि फर्जी जन्मतिथि के आधार पर उन्होंने चुनाव लड़ा था.
चुनाव के वक्त उनकी उम्र 25 साल से कम थी लेकिन, अभी इस सीट पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है. विधानसभा सचिवालय की तरफ से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर अब्दुल्ला आजम को 6 साल के लिए चुनाव से डिबार करने की सिफारिश की है.
यूपी असेंबली सेक्रेटेरिएट ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि अब्दुल्ला आजम को चुनाव में भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया गया है, इसलिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 8-क के तहत 6 वर्षों तक उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए.
इधर, सात सीटों के लिए सभी दलों ने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. इनका नामांकन भी चल रहा है. इसके साथ ही हर पार्टी के बड़े नेता वर्चुअल सभा भी कर रहे हैं. 16 अक्टूबर को नामांकन की अंतिम तिथि है.
बांगरमऊ में कांग्रेस ने महिला को दिया टिकट
उन्नाव जिले के बांगरमऊ की यह सीट भाजपा के कुलदीप सेंगर की सदस्यता जाने के कारण खाली हुई है. भाजपा ने अब यहां से उन्नाव के पूर्व जिलाध्यक्ष श्रीकांत कटियार को उतारा है जबकि, सपा ने सुरेश कुमार पाल, बसपा ने महेश प्रसाद और कांग्रेस ने बांगरमऊ से आरती बाजपेई को टिकट दिया है.
टूंडला सुरक्षित में भी रोचक मुकाबला
फिरोजाबाद की टूंडला सुरक्षित सीट योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री एसपी सिंह बघेल के सांसद चुने जाने के बाद सीट खाली हुई है. इस पर भाजपा ने प्रेमपाल धनगर को टिकट दिया है जबकि, सपा ने महराज सिंह, बसपा ने संजीव कुमार चक और कांग्रेस ने स्नेह लता को मैदान में उतारा है.
नौगावां सादात से भाजपा ने चेतन की पत्नी को उतारा
अमरोहा की नौगावां सादात सीट योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे चेतन चौहान के निधन से खाली हुई है. भारतीय जनता पार्टी ने यहां से पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर स्वर्गीय चेतन चौहान की पत्नी संगीता चौहान को टिकट दिया हैय संगीता चौहान सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की महाप्रबंधक रही हैं. इनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के सैय्यद जावेद अब्बास, बसपा के मोहम्मद फुरकान अहमद और कांग्रेस के कमलेश सिंह से है.
बुलंदशहर सदर से भाजपा ने सिरोही की पत्नी को दिया टिकट
बुलंदशहर की बुलंदशहर सदर सीट भाजपा के विधायक वीरेंद्र सिंह सिरोही की सड़क दुर्घटना में मौत के कारण खाली हुई है. भाजपा ने यहां से स्वर्गीय वीरेंद्र सिंह सिरोही की पत्नी ऊषा सिरोही को उम्मीदवार बनाया है जबकि, समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधनकर रालोद के प्रवीण सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. बसपा से मोहम्मद युनूस तथा कांग्रेस से सुशील चौधरी चुनाव लड़ेंगे.
घाटमपुर सुरक्षित में होगा दिलचस्प मुकाबला
कानपुर की घाटमपुर सुरक्षित सीट योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री कमलरानी वरुण के निधन के कारण सीट खाली हुई थी. भाजपा ने यहां ने कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र में अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र पासवान को उतारा है. समाजवादी पार्टी ने 2017 के चुनाव में उप विजेता रहे इंद्रजीत कोरी को उम्मीदवार बनाया है. बसपा ने कुलदीप कुमार संखवार को और कांग्रेस ने कृपा शंकर को टिकट दिया है.
देवरिया सदर में सभी ने ब्राह्मण प्रत्याशी उतारे
देवरिया की देवरिया सदर सीट भाजपा के विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के कारण खाली हुई है. यहां पर सभी बड़े दल ने ब्राह्मण प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है. भाजपा ने सत्य प्रकाश मणि को टिकट दिया है. वह संत विनोबा पीजी कॉलेज में राजनीति विज्ञान विभाग में प्रोफेसर हैं. सपा ने अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे ब्रह्माशंकर त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है. बसपा ने यहां से अभयनाथ त्रिपाठी जबकि, कांग्रेस ने मुकुंद भाष्कर मणि त्रिपाठी को चुनाव में उतारा है.
मल्हनी में बाहुबली धनंजय सिंह भी मैदान में
जौनपुर में मल्हनी सीट समाजवादी पार्टी के पारसनाथ यादव के निधन से खाली हुई है. यहां से भाजपा ने मनोज सिंह को मैदान में उतारा है. पहली बार किसी विधानसभा का चुनाव लड़ रहे मनोज सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पदाधिकारी रह चुके हैं. समाजवादी पार्टी ने स्वर्गीय पारसनाथ यादव के पुत्र लकी यादव को उतारा है. खांटी नेता पारसनाथ यादव प्रदेश में सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव के बाद अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री थे.
पारसनाथ यादव के 2017 के चुनाव में मुलायम सिंह यादव उनका प्रचार करने जौनपुर आए थे. बसपा ने जय प्रकाश दुबे को टिकट दिया है जबकि, कांग्रेस ने यहां से राकेश मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है. पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर दावा ठोक दिया है. 2017 में धनंजय सिंह यहां पर निषाद पार्टी के टिकट पर मैदान में थे.