ओमप्रकाश राजभर ने अमित शाह पर कसा तंज, कहा जब तक भाजपा की विदाई नहीं तब तक कोई ढिलाई नहीं | Nation One
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव शुरु होने के लिए ठीक दो सप्ताह का समय ही बचा है। ऐसे में सभी दलों ने प्रचार में ऐड़ी चोटी का जोर लगा रखा है। पहले चरण में मतदान पश्चिमी उत्तर प्रदेश से शुरु होना है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनाव में जाट समुदाय की निर्णायक भूमिका निभाता आया है और इस बार जाट समुदाय के नेता भाजपा से नाराज बताए जा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि जाट नेताओं को मनाने के लिए ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर मीटिंग का आयोजन किया था जिसमें 200 समुदाय के नेताओं समेत जाट समुदाय के नेता भी शामिल हुए।
जाट समुदाय के लोग किसान आंदोलन के दौरान भाजपा के रवैये और आरक्षण जैसे मुद्दों पर भाजपा से अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। ऐसे में अमित शाह की जाट नेताओं से मीटिंग पर विपक्षी नेताओं ने अमित शाह पर तंज कसा है।
समाजवादी पार्टी के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि भाजपा को अब हार का डर सताने लगा है इसलिए घर-घर जाकर पर्चा बांटना पड़ रहा है।
राजभर ने कहा कि बारह महीने तक किसान गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे थे तब गृहमंत्री उन किसानों को न मिलने गए और न ही बुलाया। अब जब चुनाव में लग रहा है कि हार जाएंगे तो जाट नेताओं से मिल रहे हैं और घर -घर जाकर पर्चा बांटने पर मजबूर हैं।
सुभासपा अध्यक्ष ने कहा कि जाट नहीं बल्कि किसान नाराज हैं और किसानों की कोई जाति नहीं होती। अमित शाह ने एख जाति के लोगों से मुलाकात की है औऱ जिन लोगों से अमित शाह ने मुलाकात की वे लोग किसान आंदोलन में शामिल नहीं थे।
ओपी राजभर ने कहा कि किसानों पर जीप चढ़ाकर मार दिया गया लेकिन जीप गृह राज्यमंत्री के नाम पर थी इसलिए अभी तक उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
जीप किसी औऱ की होती तो मालिक अब तक जेल में होता। ये चाहे दिल्ली बुलाएं या मुंबई बुलाकर समझाएं, एक नारा इस वक्त खूब चल रहा है कि जब तक भाजपा की विदाई नहीं, तब तक कोई ढिलाई नहीं।
बता दें कि इससे पहले 2017 के विस चुनाव के समय भी अमित शाह ने जाट समुदाय के साथ ऐसी ही बैठक की थी। जिसका नतीजा यह निकला कि भाजपा 143 में से 108 सीटों पर कब्जा कर गईं।
2019 के लोकसभा चुनाव के समय भी भाजपा को जाटों का समर्थन मिला तो 29 में 21 सीटों पर भाजपा ने कब्जा कर लिया था।
अब एक बार फिर भाजपा जाटों को एकसाथ लाने की कोशिश में जुट गई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा और रालोद के गठबंधन और किसानों की नाराजगी से भाजपा इन दिनों टेंशन में है।