ओल्ड ईज गोल्ड, सहज ही मोल्ड हो जाता है : मनोज श्रीवास्तव | Nation One
पॉवरफुल चीज अंडरग्राउण्ड होकर ही प्राप्त की जा सकती है क्योंकि पॉवरफुल चीज अत्यन्त गहरी होती है अतः अंतर्मुखता में आकर पॉवरफुल बनना है। पॉवरफुल बनने की धारणा दिन-प्रतिदिन एक्स्ट्रा लिफ्ट होने का अनुभव कराती है। आज तक जो बातें मुश्किल लगती थी, उन मुश्किल शब्द को समाप्त कर देना है और सहजता का अनुभव करना है।
यदि हम कमजोर रचना करेंगे तब यह रचना हमारे लिए समस्या बनेगी, शक्तिशाली रचना हमारा सहयोग करेगी। अपनी शक्ति को ललकार के साथ गर्जना करनी है। अपने सिद्धांतो को सिद्ध करके ही सिद्धि प्राप्त कर सकते है। रहम दिल के साथ शक्तिस्वरूप बनना है।
ऐसा करने से शक्तिशाली रचना का रिजल्ट स्पष्ट दिखेगा और तूफान भी तोहफा बन जाएगा। इसके लिए मुख्य बात है सच्चाई और सफाई। सच्चाई और सफाई हमारे सफलता का आभार है। स्वभाव और भाव को समीप लाना है। यह हम नहीं कह सकते हैं कि यह मेरा स्वभाव था, परन्तु मेरा कहना का यह भाव नहीं था। सम्पूर्णता लाने के लिए अपने भाव और स्वभाव को एक समान लाना होगा अर्थात् भाव और स्वभाव का समीप रखना होगा। क्योंकि भाव और स्वभाव एक ही साचे से निकलते हैं। जब हम छोटे-छोटे आर्कषक में फंसेंगे तब हमारा भाव और स्वभाव अलग हो जाएगा। एक प्रैक्टिस के बाद हम ओल्ड ईज गोल्ड बन जाएंगे। जो ओल्ड ईज गोल्ड होता है, वह सहज ही मोल्ड हो जाता है।
हम विशेष रूप से नियमित बने हैं। हमें स्वयं का कल्याण करना है और दूसरो का भी कल्याण करना है। इसके लिए हमें अन्य से विशेष कार्य करना है क्योंकि जो अन्य कर रहे है वही हम करेंगे तब हमारे और दूसरे में फर्क क्या रह जाएगा।
हमें सूक्ष्म शक्तियों से आत्मबल का खाता मजबूत रखना है। प्रतिदिन चैक करना है कि हम कितने प्रतिशत सफल हुए है, व्यक्त संकल्पों और विकल्पों पर कहां तक विजय प्राप्त किए हैं वाचा और कर्मणा में कहां तक असाधारण कार्य किये हैं, अपने जमा का खाता देखकर कमजोरियों को दूर करना है। हमें जलता हुआ दीपक बनना है, लोग बुझे हुए दीपक को नमस्कार नहीं करते हैं बल्कि जलते हुए दीपक का नमस्कार करते हैं।
मनोज श्रीवास्तव, देहरादून