यूपी में उद्योग लगाने के लिए अब सस्ते में मिलेगी कृषि भूमि | Nation One
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए सरकार अब सस्ते में भूमि उपलब्ध कराएगी. इसके लिए योगी सरकार ने कृषि भूमि पर उद्योग लगाने के लिए वसूले जाने वाले शुल्क में 43 फीसद की छूट दे दी है. अभी शहर के आसपास के विकास क्षेत्र में स्थित गांवों की कृषि भूमि के भू-उपयोग को औद्योगिक भूमि में परिवर्तित करने के लिए सर्किल रेट का 35 फीसद देना होता था लेकिन, अब 20 फीसद ही देना होगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई कैबिनेट की बैठक में कृषि भू-उपयोग की भूमि को औद्योगिक भू-उपयोग में परिवर्तित करने के लिए शुल्क की दर को 35 फीसद से घटाकर 20 फीसद करने का निर्णय लिया गया. इसके लिए उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क का निर्धारण, उद्ग्रहण एवं संग्रहण) नियमावली-2014 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. संबंधित आदेश जारी होते ही शुल्क 20 फीसद ही वसूला जाएगा.
यूपी सरकार का मानना है कि इससे औद्योगिक समूह प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए आकर्षित होंगे, जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा मिलेगा. औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी. औद्योगिक क्षेत्र के बाहर कृषि भूमि पर उद्योग लगाने के लिए पहले जमीन का भू-उपयोग औद्योगिक कराने की अनिवार्यता है.
शीरा नीति 2020-21 को दी स्वीकृति
इसके अलाव कैबिनेट बैठक में सरकार ने शीरा नीति-2020-21 को स्वीकृति प्रदान कर दी. देशी शराब निर्माताओं के लिए 18 प्रतिशत शीरा आरक्षित किया गया है. किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए एथनाल और शीरा बिक्री से प्राप्त आय से गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए टैगिंग की गई है. गन्ने के रस से एथनाल बनाने वाली इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए तीन वर्ष की छूट देने के अलावा स्थानीय खपत पूरी होने के बाद शीरा निर्यात की अनुमति भी प्रदान की जाएगी.
अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश में बी-हैवी शीरा से एथनाल उत्पादन प्रोत्साहित किया जा रहा है. वर्ष 2018-19 में मात्र दो चीनी मिलों ने बी-हैवी शीरे का उत्पादन किया. 2019-20 में 26 मिलों ने किया जबकि, 2020-21 में 60 चीनी मिलों द्वारा बी-हैवी शीरे का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित है.
संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि वर्ष 2020-21 में 533.50 लाख क्विंटल शीरा उत्पादन का अनुमान है, जिससे देशी मदिरा के लिए आरक्षित शीरे की आवश्यकता 96.77 लाख क्विंटल आंकी गई है. गन्ने के रस से एथनाल निर्माण में निवेश प्रोत्साहन के लिए नई इकाइयों को तीन वर्ष के लिए आरक्षित शीरे से छूट दी गई है. उत्तर प्रदेश में शीरे की आवश्यकता के लिए पर्याप्त शीरा उपलब्ध होने पर निर्यात की अनुमति दी जाएगी.
शीरा आधारित लघु इकाइयों को शीरे का आवंटन उत्तर प्रदेश शीरा नियंत्रण अधिनियम, 1964 के तहत किया जाएगा. शीरा आधारित नई इकाइयों में एक लाख क्विंटल शीरा प्रतिवर्ष की मांग वाली इकाइयों के मामले में निर्णय लेने का अधिकार आबकारी आयुक्त को दिया गया है.