डाटा लीक मामले में कैंब्रिज एनालिटिका को जारी किया नोटिस

फेसबुक डाटा लीक मामले में सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए ब्रिटेन की कैंब्रिज एनालिटिका को नोटिस जारी किया है। सरकार ने कंपनी से जानना चाहा है कि क्या उसने फेसबुक पर मौजूद भारतीयों की जानकारी का इस्तेमाल भी किया है? नोटिस में सरकार ने छह सवाल पूछे हैं। कैंब्रिज एनालिटिका को जवाब देने के लिए 31 मार्च 2018 तक का समय दिया गया है।

कैंब्रिज एनालिटिका पर आरोप है कि उसने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में एक राजनीतिक दल के फायदे के लिए फेसबुक के यूजर्स के डाटा का इस्तेमाल राजनीतिक प्रोफाइल तैयार करने के लिए किया। गौरतलब है कि अमेरिका में हुए इस खुलासे के बाद केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बुधवार को फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को सख्त चेतावनी जारी की थी।

प्रसाद ने कहा था कि अगर भारत की चुनावी प्रक्रिया को किसी गड़बड़ तरीके से प्रभावित करने की कोशिश होती है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर जरूरी हुआ तो कठोरतम कार्रवाई की जा सकती है। भारत में आइटी कानून के तहत तमाम ऐसे प्रावधान है, जिसका इस्तेमाल इसके लिये किया जा सकता है।

डाटा की सुरक्षा को लेकर और सतर्क हो गई सरकार

इसके बाद से ही सरकार सोशल साइटों पर डाटा की सुरक्षा को लेकर और सतर्क हो गई थी। गुरुवार को ही सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक कर अन्य सोशल साइटों की निगरानी बढ़ाने और डाटा की सुरक्षा के पर्याप्त उपाय करने का निर्देश भी दिया था। इसी के मद्देनजर शुक्रवार को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कैंब्रिज एनालिटिका को नोटिस जारी करके फेसबुक के संदर्भ में भारतीयों की जानकारी के इस्तेमाल को लेकर सवाल पूछे हैं।

सरकार ने जानना चाहा है कि उसे फेसबुक के डाटा के इस्तेमाल के लिए जिस उल्लंघन का दोषी पाया गया है उसमें क्या भारतीयों की जानकारी के इस्तेमाल के लिए भी उन्हें काम सौंपा गया था? सरकार ने नोटिस के जरिए यह भी पूछा है कि कैंब्रिज एनालिटिका को इस काम के लिए किसने अनुबंधित किया था? इसी क्रम में कंपनी को यह भी बताने के लिए कहा गया है कि उन्हें यह डाटा किस प्रकार प्राप्त हुआ? क्या इसके लिए कंपनी ने लोगों से उनकी जानकारी के इस्तेमाल के लिए मंजूरी प्राप्त की?

 

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