![सिर्फ ‘जय श्रीराम’ नारा नहीं, उनके पद चिन्हों पर चलने की जरूरत : मोहन भागवत | Nation One](https://nationone.tv/wp-content/uploads/2021/11/bhagwat-sixteen_nine-850x533.jpg)
सिर्फ ‘जय श्रीराम’ नारा नहीं, उनके पद चिन्हों पर चलने की जरूरत : मोहन भागवत | Nation One
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली के विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आजादी के बाद जितनी तरक्की करनी थी। उतनी हुई नहीं। हम देश को आगे ले जाने की दिशा में नहीं चले, नहीं तो हम आगे जरूर बढ़ते।
दिल्ली में संत ईश्वर सम्मान 2021 कार्यक्रम का आयोजन हुआ। संघ प्रमुख ने संत ईश्वर सम्मान 2021 कार्यक्रम में रविवार को कहा कि पिछले 75 साल में हमने उतनी तरक्की नहीं की, जितनी हमें करनी चाहिए थी। देश को आगे ले जाने की राह पर चलोगे तो आगे बढ़ोगे।
उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया के सभी देश एक साथ, पिछले 200 वर्षों में हमारे देश जितने महापुरुष हुए होंगे। किसी का जीवन ही सर्वांगीण जीवन का मार्ग प्रशस्त करता है…
मोहन भागवत ने कहा कि हर किसी का जीवन महान है, जैसा कि हम जय श्री राम कहते हैं, हमें कहना चाहिए। लेकिन हमें भी श्री राम जैसा होना चाहिए। लेकिन हम कहते हैं कि वह भगवान थे। लेकिन भरत जैसे भाई को केवल श्री राम ही प्यार कर सकते हैं, हम नहीं।
स्वामी विवेकानंद की बात करते हुए कहा कि कई प्रतिभाशाली लोग यहां आए और अपना काम करके चले गए, किसी को पता नहीं चला कि उन्हें गुप्त योगी कहा जाता है। संघ प्रमुख ने कहा कि धर्म के चार पैर होते हैं एक सत्य, भौतिक सुख के पीछे भागोगे तो गड्ढे में गिरोगे, यह भी सच है।
दूसरा चरण है करुणा, वैसे तो हर 5 साल बाद सेवा करने वाले 3-4 महीने बाद आते हैं और गायब हो जाते हैं, फिर 5 साल बाद उठ जाते हैं, यह खेल हम देखते हैं, यह सेवा नहीं है, सेवा करने के लिए मजबूरी में काम करना है। वहाँ नहीं। मैं सेवा क्यों करूं क्योंकि मैं जी नहीं सकता।