कोसी नदी का जलस्तर क्या गिरा। मछलियों को लिए कहर बन गया। अब नदी में अवैध रूप से मछलियों का शिकार करने वाले नदियों में रात को भी घुसने लगे हैं। हैरत तो इस बात की है कि वन विभाग को बताने के बावजूद न तो किसी वन कर्मी ने मौके पर जाकर पड़ताल करने की जहमत ही उठाई और न ही इस दिशा में कोई कार्रवाई अमल में लाई गई। मछली मारने से मना करने पर उल्टा तमंचे दिखाकर लोगों को डराने धमकाने से भी बाज नहीं आ रहे है।
मछलियों को संरक्षित करने की दिशा में जुटा है रिसोर्ट प्रबंधन
ऐसा ही मामला कोसी रेंज के ढिकुली स्थित एक रिसोर्ट के समीप का है। इस रिसोर्ट के किनारे प्राकृतिक रूप से बने कुंड में सैकड़ों मछलिया पल रही हैं। रिसोर्ट प्रबंधन भी इन मछलियों को संरक्षित करने की दिशा में जुटा है। बीते दो दिन से लगातार इस रिसोर्ट के पास पाच छह असमाजिक तत्व मंडरा रहे है। जो अपने साथ मछली पकड़ने का जाल भी साथ लाते है।
रिसोर्ट में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने जब नदी में बने कुंड से मछली मारने पर मना किया तो इन लोगों ने न केवल उनके साथ गाली-गलौच की। बल्कि उन्हे जान से मारने की धमकी भी दे डाली। आरोप है कि रिसोर्ट के कर्मचारियों द्वारा रामनगर वन प्रभाग के कार्यकारी ब को भी जानकारी दी। लेकिन वहा कोई भी नहीं पहुचा। मछली बचाने के लिए रिसोर्ट के सुरक्षा कर्मी स्वतरू ही लगे हुए है।
रिसोर्ट के निकट बने कुंड से मछली मारने के इरादे से आए लोगों की शिकायत उन्हे मिली थी। जिस पर वन कर्मी मौके पर भी गए थे। लेकिन उस समय वहा नदी में कोई नहीं मिला। यदि ऐसी कोई शिकायत आती है तो रिसोर्ट स्वामी तुरत उन्हे अवगत कराएं । मछली मारने आ रहे लोगों को पकड़ने के लिए ढिकुली के सबसे नजदीकी स्टॉफ को मौके पर भेजा जाएगा। फिर भी उस क्षेत्र में रात्रि को गश्त की जाएगी।