
निशंक ने बकाया 41.64 लाख के साक्षेप जमा किए सिर्फ 17 हजार, हाईकोर्ट गंभीर | Nation One
नैनीताल: मुख्यमंत्री रहते बिजली-पानी व अन्य सुविधाओं का लाभ उठाने के बाद उनका भुगतान न करने के मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. इसी के चलते पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक की ओर से बिजली-पानी के दस लाख 60 हजार जमा करने के बाद उन पर अन्य सुविधाओं का बकाया बाजार दर के हिसाब से 41 लाख 64 हजार बकाया है, जिसके बदले में उन्होंने सिर्फ 17 हजार रुपये ही जमा कराए.इस पर कोर्ट ने 17 हजार की पर्ची काटने पर राज्य संपत्ति विभाग के सचिव दीपेंद्र चौधरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
साथ ही सीजेएम को नोटिस देने की जिम्मेदारी देते हुए एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है. जबकि, रूलक संस्था की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के राज्यपाल के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुनवाई अब सोमवार को होगी. मामले की सुनवाई जस्टिस शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई.
सुप्रीम कोर्ट सुविधाओं के बकाया मामले में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, पूर्व सीएम बीसी खंडूडी के खिलाफ जारी अवमानना के नोटिस पर रोक लगा चुका है जबकि, सरकार की ओर से हाईकोर्ट में जवाब दाखिल कर बताया गया था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को बिजली-पानी का बकाया जमा करने को नोटिस जारी किया गया है.
हाईकोर्ट ने पिछले साल मई में बाजार दर के हिसाब से सुविधाओं का बकाया छह माह के भीतर जमा करने के आदेश पारित किए थे. रूरल लिटिगेशन एंड एंटाइटेलमेंट केंद्र (रुलक) ने छह माह में बकाया जमा नहीं करने पर अवमानना याचिका दायर की.
कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया गया है और क्यों नहीं इन पूर्व सीएम के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए. रूलक संस्था ने पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को संवैधानिक पद पर होने की वजह से संविधान के अनुछेद 361 में नोटिस भेजा था. इसके तहत राज्यपाल व राष्ट्रपति के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने से पहले दो माह पहले सूचना देनी आवश्यक होती है.
दस अक्टूबर को 60 दिन पूरे होने के बाद रुलक द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के राज्यपाल के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरिगुप्ता के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी पर आवास व अन्य सुविधाओं का बाजार दर के हिसाब से 47 लाख 57 हजार, 758 रुपये बकाया है. इसके अतिरिक्त बिजली पानी का बकाया भी है.
बुधवार को याचिकाकर्ता की ओर से अवमानना याचिका में कुछ त्रुटि होने की जानकारी दी. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई सोमवार के लिए नियत कर दी. यहां उल्लेखनीय है कि डॉ निशंक ने हाल ही में बिजली पानी का बकाया दस लाख 60 हजार से अधिक जमा किया था.