तत्काल खनन रोकने के एनजीटी ने दिए आदेशः शिवानंद
मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने दावा किया कि एनजीटी ने तत्काल गंगा और उसकी सहायक नदियों में चल रहे खनन पर तत्काल रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही, एफआरआइ को प्रतिपूर्ति रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा एनजीटी न उस रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया है। जिस आधार पर खनन खोला गया था।
सोमवार को मातृसदन में पत्रकारों से बातचीत में परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने बताया कि वर्ष 2016 में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में खनन खोलने के लिए दिए गए पर्यावरण क्लीयरेंस के बाद एनजीटी में वाद दायर किया था। जिसमें दो साल से बहस चल रही थी। इसी बीच एफआरआइ (फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट) ने खनन खोलने के लिए रिपोर्ट बनाकर भेजी थी, लेकिन जब रिपोर्ट को लेकर बहस हुई तो एनजीटी ने एफआरआइ से गंगा में पत्थर मिलने पर स्टडी करने के बारे में पूछा था। जिस पर एफआरआइ ने कहा था कि इसके लिए तो उन्हें कम से कम तीन साल लगेंगे।
इससे वन निगम की ओर से खनन खोलने के लिए एफआरआइ की रिपोर्ट को ही हटा दिया था। उसने बाद में खनन के पट्टे जारी करने के लिए मृदा एवं जल संरक्षण से रिपोर्ट बनवाई थी। जिसने तीन दिन के भीतर ही रिपोर्ट बनाकर खनन करने के पक्ष में रिपोर्ट दे थी। इसके आधार पर वन निगम की ओर से गंगा क्षेत्र में चार और गंगा की सहायक नदियों में तीन पट्टे खोलकर नवंबर से खनन शुरू कराया था। इसे लेकर सोमवार को दिल्ली में एनजीटी में बहस हुई। जहां सभी दलीलें सुनने के बाद रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में लिखित आदेश भी उनके पास देर रात या सुबह तक आने की उम्मीद है।
दिल्ली में तप करने का कार्यक्रम फिलहाल स्थगित
मातृसदन परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती का कहना है कि एनजीटी के आदेश के बाद उन्होंने दिल्ली में तप करने के कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित कर दिया है। उन्होंने खनन नहीं रुकने पर दिल्ली में तप शुरू करने का ऐलान किया था। उन्होंने बताया कि उन्होंने दिल्ली के सीएम अर¨वद केजरीवाल से तप करने के लिए जगह मांगी थी। साथ ही, एक सप्ताह में जगह न मिलने पर स्वयं ही उपयुक्त स्थान देखकर तप शुरू करने की बात कही थी, लेकिन अब एनजीटी के आदेशों से स्वतरू ही खनन रुक जाएगा।