NEWS : लंबी सियासी बयानबाजी के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया। जिसमें सभी धर्मों के धर्मगुरु शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन कर इसे राष्ट्र को समर्पित किया।
इस खास मौके पर शामिल होने के लिए पक्ष-विपक्ष के सभी नेताओं को आमंत्रित किया गया था, लेकिन राष्ट्रपति द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं कराए जाने का विरोध करते हुए विपक्षियों ने इस आमंत्रण का बहिष्कार किया।
बता दें कि 21 दलों ने जहां नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का समर्थन किया था, तो वहीं 25 ने बहिष्कार किया था। विपक्षियों का कहना था कि केंंद्र ने उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को आमंत्रित ना करके उनका अपमान किया है। केंद्र ने दलित अस्मिता का अपमान किया है।
खैर, इन तमाम विरोध प्रतिरोध के बावजूद आज पीएम मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया। वहीं, अब इन सभी विपक्षियों की इस पर प्रतिक्रिया सामने आ रही है। आइए, आगे आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि इस पर किसने क्या कहा है ?
NEWS : RJD ने की आपत्तिजनक टिप्पणी
नए संसद भवन के उद्घाटन पर सबसे पहले आपत्तिजनक टिप्पणी की शुरुआत किसी ने और ने नहीं, बल्कि आरजेडी ने की है। आरजेडी ने नए संसद भवन को ताबूत बताया है।
हालांकि, अभी तक आरजेडी के इस बयान पर बीजेपी की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। अब ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में इस पर बीजेपी की ओर से क्या प्रतिक्रिया सामने आती है।
NEWS : JDU की प्रतिक्रिया
उधर, JUD की इस नए संसद भवन पर प्रतिक्रिया सामने आई है। जिसमें उन्होंने कहा कि नए संसद भवन के जरिए केंद्र सरकार ने देश के इतिहास को कंलकित करने का काम किया है, जिसकी आलोचना की जानी चाहिए।
इतिहास इस बात को याद रखेगा कि कैसे इन लोगों ने गौरवान्वित इतिहास को बदलने का काम किया है। बता दें कि जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि नए संसद भवन के जरिए देश के कलंक का इतिहास लिखा जा रहा है।
NEWS : कांग्रेस की भी प्रतिक्रिया
वहीं, नए संसद भवन के उद्घाटन का कांग्रेस ने भी विरोध किया। कांग्रेस की तरफ से प्रमोद तिवारी ने कहा कि हमारी जो आशंका थी, वो अब वास्तविकता में तब्दील हो चुकी है। आज नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर कोई भी मौजूद नहीं था।
केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही मौजूद थे और उनके नेता। जिस तरह से विपक्ष ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाई रखी, उससे यह बात साफ जाहिर होता है कि अब केंद्र अलग थलग पड़ चुके हैं।
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