News : कश्मीर के पहलगाम इलाके में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले के बाद जहां देश में शोक और आक्रोश का माहौल है, वहीं पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने एक बेहद आपत्तिजनक बयान देकर आग में घी डालने का काम किया है।
अफरीदी ने भारतीय सेना पर सवाल उठाते हुए बयान दिया कि पाकिस्तान को अब भारत के खिलाफ कड़ा स्टैंड लेना चाहिए और भारतीय सेना की कथित गतिविधियों का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विरोध करना चाहिए।
शाहिद अफरीदी ने न केवल भारतीय सेना पर आरोप लगाए, बल्कि यह भी कहा कि जब तक भारत अपनी कथनी और करनी में बदलाव नहीं लाता, तब तक पाकिस्तान को किसी भी क्रिकेट प्रतियोगिता में भारत के खिलाफ नहीं खेलना चाहिए। अफरीदी का यह बयान उस वक्त आया है जब दोनों देशों के बीच रिश्ते पहले से ही नाजुक दौर से गुजर रहे हैं।
News : राजनाथ सिंह ने अफरीदी के बयान पर दी प्रतिक्रिया
भारतीय जनता पार्टी और अन्य प्रमुख दलों ने अफरीदी के इस बयान की कड़ी निंदा की है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। उन्होंने कहा कि अफरीदी जैसे बयानबाज पाकिस्तान के अपने आंतरिक हालात से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की बयानबाजी करते हैं।
भारतीय क्रिकेट जगत ने भी अफरीदी की टिप्पणियों पर कड़ा ऐतराज जताया है। पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह और हरभजन सिंह ने अफरीदी के बयान को “निंदनीय और भड़काऊ” बताया। युवराज सिंह ने ट्वीट कर कहा कि इस तरह की बयानबाजी से खेल और राजनीति के बीच बनी सीमाएं खत्म होती नजर आ रही हैं, जो बेहद खतरनाक संकेत है।
हरभजन सिंह ने भी कहा कि अफरीदी को खेल भावना का सम्मान करना चाहिए और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर चुप्पी साधनी चाहिए, न कि उल्टे भारतीय सेना को निशाना बनाना चाहिए।
News : अफरीदी का बयान पाकिस्तान के अंदरूनी दबाव का नतीजा
विशेषज्ञों का मानना है कि अफरीदी का बयान पाकिस्तान के अंदरूनी दबाव का नतीजा है, जहां सरकार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग पड़ती जा रही है। कूटनीति विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे भड़काऊ बयानों से पाकिस्तान अपनी कमजोरियों को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है।
बहरहाल, पहलगाम हमले के बाद अफरीदी जैसे बयानों ने यह साफ कर दिया है कि पाकिस्तान अभी भी आतंकवाद पर दोहरी नीति अपना रहा है। भारत ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब करने की तैयारी कर ली है। इस हमले में शहीद हुए सैनिकों की शहादत का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने भी सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंक के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखेगी और शहीदों की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाने देगी। ऐसे समय में शाहिद अफरीदी जैसे लोगों के बयान न केवल दुर्भाग्यपूर्ण हैं बल्कि उनकी मानसिकता का भी परिचायक हैं।
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