News : आंध्र प्रदेश में गर्भवती महिलाओं और नई माताओं को ठगने वाले साइबर गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. ये ठग जननी सुरक्षा योजना (JSY) का लाभ दिलाने का झांसा देकर महिलाओं को निशाना बना रहे थे. जांच में पता चला कि गिरोह ने राज्य के 16 जिलों में 42.61 लाख रुपये की ठगी की है. ठगी की रकम 3 हजार से लेकर 60 हजार रुपये तक थी. बापटला जिला पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. आगे की जांच जारी है.
पुलिस ने जिन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया उनके नाम आचारी रंजीतसिंह, वेंकटनारायण और जतिन है. जतिन दिल्ली में रहता है. तीनों ने दिल्ली में एक कमरा किराए पर लिया. आंध्र प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को व्हाट्सएप कॉल किया. फोन में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तस्वीर को अपने डिस्प्ले पिक्चर (डीपी) के रूप में इस्तेमाल किया था. इससे लोगों का लगता कि कोई सरकारी विभाग का फोन है.
इसके बाद उन्हें फर्जी लिंक और संदेश भेजे. जिनमें जेएसवाई के तहत 70 हजार रुपये तक की वित्तीय सहायता का वादा किया गया. इसके लिए महिलाओं को अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने के लिए कहा. इस जानकारी का उपयोग करके, उन्होंने पीड़िता के मोबाइल नंबर से जुड़े बैंक खातों तक पहुंच बनाई और पैसे निकाल लिए. इन पैसों से ऑनलाइन डिलीवरी ऐप से महंगी सिगरेट खरीदी, जिसे बाद में कम कीमत पर बेच दिया.
News : कोविड पीड़ितों से भी की थी ठगी
जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि इस गिरोह ने पहले भी कोविड-19 पीड़ितों के परिवारों को मुआवज़ा देने का झूठा वादा करके करीब 4 करोड़ रुपये की ठगी की थी. कडप्पा और पोरुमामिला पुलिस थानों में भी इसी तरह की धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी. इसके अलावा, वे ऑनलाइन घोटाले में भी शामिल थे, जिसमें खरीदारों को फंसाने के लिए महंगे मोबाइल फोन सस्ते दामों पर बेचते थे.
अब तक तीनों के खिलाफ छह राज्यों में 94 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए जा चुके हैं. राज्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर प्रभावित पीड़ितों का विवरण संकलित किया जा रहा है. पुलिस ने नागरिकों को अवांछित कॉल, फर्जी लिंक तथा व्यक्तिगत जानकारी मांगने वाले लोगों से सावधान रहने की सलाह दी है.
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