
NEWS : डोनाल्ड ट्रंप नहीं लड़ पाएंगे राष्ट्रपति का चुनाव, इस केस में मिला झटका | Nation One
NEWS : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव से पहले तगड़ा झटका लगा है। डोनाल्ड ट्रंप जासूसी अधिनियम का सामना कर रहे हैं। इसी मामले में उन्हें अमेरिका की फेडरल कोर्ट ने मुसीबत दे दी है।
दरअसल अमेरिकी सरकार के वर्गीकृत दस्तावेज़ों को अपने पास रखने के डोनाल्ड ट्रंप आरोपी हैं। इस केस की सुनवाई कर रहे डोनाल्ड ट्रंप के इन आरोपों से बचने की कोशिश को खारिज कर दिया है। ट्रम्प के वकील कैनन ने फ्लोरिडा के फोर्ट पियर्स में फेडरल कोर्ट में अपना तर्क रखा लेकिन जज ने इन दलीलों को अस्वीकार कर दिया।
ट्रंप के वकील का दावा था कि जो जासूसी अधिनियम ट्रंप पर लगाया गया है वो तो उन पर सटीक बैठता ही नहीं। उन्होंने जो दस्तावेज अपने पास रखे, वो उनके कार्यकाल के दौरान से ही उनके पास थे और ये अमेरिकी सरकार के दस्तावेज थे और तब वो राष्ट्रपति थे तो उन पर जासूसी का आरोप कैसे लग सकता है।
NEWS : अधिनियम में नहीं तय है कोई पैरामीटर
ट्रम्प के वकीलों ने तर्क दिया कि जो अधिनियम ट्रंप पर थोपा गया है उसमें ऐसे मानदंड है ही नहीं जिससे ट्रंप को आरोपी घोषित किया जा सके। इसके अलावा उन्होंने कहा कि क्योंकि ट्रंप राष्ट्रपति थे इसलिए वो अपने पास या अपने आवास पर इन दस्तावेजों को रख सकते थे।
NEWS : Donald Trump की दलीलों से जज सहमत नहीं
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के वकीलों ने जासूसी अधिनिय़म को लेकर जो तर्क कोर्ट के सामने रखा उसे तो जज ने तुरंत ही खारिज कर दिया। जज कैनन ने सुनवाई खत्म होने के तुरंत बाद दो पन्नों का फैसला जारी किया। जिसमें उन्होंने खास तौर पर जासूसी अधिनियम की अस्पष्टता के संबंध में प्रस्ताव का खंडन किया।
उन्होंने ये भी संकेत दिया कि राष्ट्रपति रिकॉर्ड अधिनियम से जुड़े दावे को अस्वीकार किए जाने की संभावना है क्योंकि वर्गीकृत दस्तावेजों को अमेरिकी सरकार की संपत्ति माना जाता है औऱ ये मुश्किल लग रहा है कि ट्रम्प का ये दावा कि उन्होंने दस्तावेजों को व्यक्तिगत रिकॉर्ड में बदल दिया है अभियोग को कैसे खारिज कर सकता है।
यानी ट्रंप ने तो अपने बयान में कहा है कि ये दस्तावेज उनके व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स हैं। तो ये कैसे हो सकता है कि अमेरिकी सरकार के दस्तावेज किसी के व्य़क्तिगत रिकॉर्ड्स में बदल जाएं।
बता दें कि साल 2022 में अमेरिका की खुफिया जेंसी FBI ने अगस्त महीने में ट्रंप के आवास की तलाशी ली थी जिसमें उनके पास से अमेरिकी सरकार के 13000 सरकारी रिकॉर्ड पाए गए थे।
NEWS : क्या है जासूसी अधिनियम
इस मामले में ट्रंप पर जासूसी अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ है और उसी पर सुनवाई चल रही है। बता दें कि अमेरिका में ट्रंप जासूसी अधिनियम प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत के तुरंत बाद बनाया गया था। यये कानून अमेरिका की राष्ट्रीय रक्षा से जुड़े संवेदनशील रिकॉर्डों को गलत तरीके संचालित करने के खिलाफ है।
इस कानून के मुताबिक ये एक दंडनीय अपराध है। ये भी बता दें कि ओबामा और ट्रम्प प्रशासन के दौरान जासूसी अधिनियम कई हाईप्रोफाइल सरकारी कर्मचारियों को भी सजे दे चुका है जिन्होंने सरकारी दस्तावेजों के प्रेस या मीडिया में लीक कराए थे। इस केस में दोषी पाए जाने पर 35 साल की सजा हो सकती है।
Also Read : NEWS : सिद्धू मूसेवाला की मां की प्रेग्नेंसी के बीच सामने आया पिता का बयान, पढ़ें | Nation One