News : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम दिए गए संदेश को गंभीरता से सुना। उन्होंने इस संबोधन को आतंकवाद के विरुद्ध भारत की अटल और स्पष्ट नीति का प्रतीक बताया। धामी ने कहा कि यह केवल एक भाषण नहीं था, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध का एलान था, जो हर देशवासी के सीने में गर्व भर देता है।
सीएम धामी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को भारत की सैन्य ताकत और राजनीतिक इच्छाशक्ति का संगम बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को चार दिन के भीतर ही संघर्षविराम की भीख मांगनी पड़ी, जिससे साफ होता है कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति के साथ आतंकवाद को जड़ से मिटाने में जुट गया है।
उन्होंने कहा, “हमारे जवानों ने जिस बहादुरी और योजना से आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया है, वह इतिहास में दर्ज हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा, उसे करके दिखाया है।”
News : पीएम मोदी ने दिया स्पष्ट संदेश: ‘अब कोई बर्दाश्त नहीं’
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था कि भारत अब आतंकवाद और उसे समर्थन देने वालों के बीच कोई अंतर नहीं करेगा। उन्होंने साफ शब्दों में पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर उसकी धरती से आतंकवाद फैला, तो जवाब सीधा और जोरदार मिलेगा।
सीएम धामी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “पीएम मोदी का नेतृत्व भारत की सुरक्षा नीति को नई दिशा दे रहा है। ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेल’ जैसी बातें अब भारत पर असर नहीं डालेंगी। अब हमला होगा तो जवाब दुगना मिलेगा।”
धामी ने उत्तराखंड को देशभक्ति की मिसाल बताया और कहा कि इस देवभूमि ने देश को सबसे ज्यादा सैनिक दिए हैं। “हमारा खून देश के लिए ही बहता है। जब बात देश की रक्षा की हो, तो उत्तराखंड के बेटे सबसे आगे रहते हैं,” उन्होंने गर्व से कहा।
News : चारधाम यात्रा के लिए सुरक्षा के खास इंतजाम
राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए हैं। संवेदनशील स्थलों पर अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं और लगातार निगरानी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर यात्री की सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सीएम धामी का बयान प्रधानमंत्री मोदी के उस संदेश को मजबूत करता है, जिसमें भारत ने साफ कर दिया है कि अब आतंकवाद के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। देश एकजुट है, सेना तैयार है और सरकार पूरी तरह सतर्क है। अब दुश्मन चाहे सीमा पार हो या भीतर, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
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