News : अमृतसर में जहरीली शराब का कहर, 15 की मौत, कई की हालत गंभीर!

News : पंजाब के अमृतसर जिले के मजीठा ब्लॉक में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। सोमवार रात इस त्रासदी का खुलासा हुआ, जब भंगाली, पातलपुरी, मारी कलां, तलवंडी घुमान और थरेवाल गांवों के कई लोग अचानक बीमार पड़ गए। अब तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य पीड़ित अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती हैं।

प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि शराब में अत्यधिक मात्रा में मिथेनॉल मिलाया गया था। सूत्रों के मुताबिक, 50 लीटर मिथेनॉल मिलाकर 120 लीटर जहरीली शराब तैयार की गई थी, जो गांवों में बेची गई। यही जहरीली शराब पीने से लोगों की जानें गईं।

News : मुख्य आरोपी गिरफ्तार, पूछताछ जारी

पुलिस ने मामले में तेज़ी से कार्रवाई करते हुए एक मुख्य आरोपी प्रभजीत सिंह को गिरफ्तार किया है। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने साहिब सिंह नामक सप्लायर की तलाश शुरू कर दी है, जो इस नेटवर्क का मुख्य सूत्रधार बताया जा रहा है। दोनों से पूछताछ कर यह जानने की कोशिश की जा रही है कि अवैध शराब का जाल कहां तक फैला हुआ है।

घटना के बाद प्रभावित गांवों में भारी तनाव है। शोकग्रस्त परिवारों का रो-रो कर बुरा हाल है। प्रशासन ने मेडिकल टीमें गांवों में भेजी हैं, ताकि अन्य प्रभावितों की समय पर पहचान कर इलाज किया जा सके। घर-घर जाकर जांच की जा रही है और लोगों को सावधान किया जा रहा है कि कोई भी संदिग्ध शराब का सेवन न करें।

News : मुख्यमंत्री का सख्त रुख

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस पूरे मामले को ‘हत्या’ करार देते हुए सख्त कदम उठाने की बात कही है। उन्होंने कहा, “ये हादसे नहीं, बल्कि हत्याएं हैं। सरकार दोषियों को सजा दिलवाकर ही दम लेगी। इस अपराध के पीछे जो भी लोग शामिल हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा।”

यह कोई पहली बार नहीं है जब पंजाब में जहरीली शराब के चलते जानें गई हों। साल 2020 में भी अमृतसर, तरनतारन और गुरदासपुर में मिलावटी शराब से 121 लोगों की जान चली गई थी। इसके बावजूद प्रशासन इस अवैध धंधे पर लगाम लगाने में असफल साबित हुआ है।

News : सरकार की आगे की रणनीति

घटना के बाद सरकार ने अवैध शराब के नेटवर्क को खत्म करने के लिए विशेष जांच दल गठित किया है। अब तक दो एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और कुल छह गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही पूरे गिरोह को पकड़ लिया जाएगा।

यह हादसा न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि समाज में फैलते ज़हरीले मुनाफाखोरों के जाल की भी पोल खोलता है। अब देखना होगा कि सरकार इस बार कितनी सख्ती से कदम उठाती है और क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा।

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