लॉकडाउन के दौरान ठगों ने अपना ठगी करने के तरीके को बदल दिया है। अब ये लोग सोशल अकाउंट हैक कर या फिर उनका क्लोन तैयार कर नया एकाउंट बना कर ठगी कर रहे है।
आपको बता दें की ये ठग अकाउंट से जुड़े लोगों को मैसेज भेजकर कोरोना काल में अपने आप को आर्थिक संकट में बताकर लोगों से मदद मांग कर ठगी कर रहे हैं। और यूपीआई ऐड्रेस के माध्यम से अपने खातों में रकम जमा करवा रहे हैं।
बहुत से लोग मदद करने के लिए बिना तस्दीक किए ही बताए गए यूपीआई ऐड्रेस में पैसे ट्रांसफर कर देते हैं। जिसके बाद उन्हें पता चलता है कि उनके साथ ठगी हो गई है।
इस संदर्भ में गढ़वाल विवि के विवि प्रतिनिधि अंकित उछोली, पूर्व छात्रा प्रतिनिधि शिवानी पांडेय और आयुष कुकरेती ने पुलिस को ज्ञापन देकर साइबर अपराध से जुड़े इन अपराधों पर तत्काल कार्यवाही करने की मांग की।
वहीं इस मामले में अंकित उछोली ने कहा कि, आये दिन नागरिकों के सोशल मीडिया एकाउंट हैक हो रहे है और हैकर उस अकाउंट से अलग-अलग दोस्तों -रिश्तेदारों से रुपयों की माँग कर रहे है। ये घटनाएं लगातार बढ़ रही है।
बहुत बार नागरिकों को इस तरह की घटनाओं की जानकारी है। लेकिन कई बार नागरिक हैकर के झाँसे में आ कर किसी की मदद का सोच कर रुपए दे देते है। जिसके बाद उन्हें अपने साथ हुए ठगी का पता चलता है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर ठगी का काम इसी तरह चलता रहा तो जब किसी को सच में मदद की जरूरत होगी तब लोग उसे भी हैकर समझ कर मदद नही कर पाएंगे।
उन्होंने कहा की ऐसा लग रहा है कि हैकिंग का यह काम कोई एक या दो लोग नही बल्कि इस कार्य मे एक गिरोह सक्रिय है। इस लिए इस अपराध के फैलने के खतरे ज्यादा बढ़ जाते है।
आपको बता दें कि ठग फेसबुक अकाउंट को हैक कर लेते है। इसके बाद अकाउंट खुद ऑपरेट करने लगते है। और अकाउंट से जुड़े लोगों को मैसेंजर और इमेल के जरिए संपर्क करते है।
उन्हें खुद के इमरजेंसी में होने का झांसा देकर खाते में पैसा जमा करवाते है। फेसबुक पर फ्रेंड होने की वजह से कोई शंका नहीं करता है। कई बार लोग झांसे में आकर खाते मेंं पैसा जमा करवा देते है।
जैसा की आप निचे दी गई तस्वीर में देख सकते है कि ठग अक्सर आईसीयू या हॉस्पिटल में होने का हवाला देकर फोन पर बात करने से कतराते है।