- रूस ने 21 इलेक्शन सिस्टम्स को किया था हैक, ट्रंप वीडियो ने भटकाया ध्यान
वॉशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हैकिंग और दखल को लेकर नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। एक अमेरिकी अधिकारी ने कांग्रेस को बताया कि साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हैकरों ने 21 इलेक्शन सिस्टम्स को निशाना बनाया था। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप के साल 2005 के सेक्सुअल वीडियो को रूसी हैकिंग से अमेरिका का ध्यान भटकाने के लिए वायरल किया गया और अमेरिकी एजेंसियां रूसी की हैकिंग पर तनिक भी गौर नहीं कर पाईं। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि रूस ने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को हराने के लिए इस हैकिंग को अंजाम दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से अब तक रूसी हैकिंग का मामला डोनाल्ड ट्रंप की गले की फांस बना हुआ है। इसी के चक्कर में ट्रंप को अपने एक एनएसए को भी पद से हटाना पड़ा। इसके अलावा एफबीआई प्रमुख रहे जेम्स कोमी को भी ट्रंप ने उनके पद से हटा दिया। वह रूसी हैकिंग मामले की जांच कर रहे थे।
बराक ओबामा प्रशासन के कार्यकाल खत्म होने तक होमलैंड सिक्युरिटी डिपार्टमेंट का नेतृत्व करने वाले जेह जॉनसन का कहना है कि उनके विभाग ने वोटर रजिस्ट्रेशन डाटा हैक होने के बारे में चेताया था, लेकिन यूएस हाउस इंंटेलीजेंस कमेटी ने इस ओर कतई ध्यान नहीं दिया। साथ ही ट्रंप के इतने पुराने सेक्सुअल वीडियो को लीक करने और हैकिंग के बीच के गठजोड़ पर गौर करने में नाकाम रही। इस वीडियो का मकसद अमेरिकी जनता का ध्यान रूसी हैकिंग से भटकाना था और रूस इसमें कामयाब रहा। आरोप है कि रूस ने ट्रंप को जिताने के लिए हैकिंग को अंजाम दिया था। होमलैंड सिक्युरिटी डिपार्टमेंट की कार्यवाहक साइबर सिक्युरिटी डिप्टी अंडरसेक्रेटरी जीनेट मैनफ्रा ने पहली बार सार्वजनिक रूप से यह खुलासा किया है कि रूस ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान 21 इलेक्शन सिस्टम्स को निशाना बनाया। हालांकि उन्होंने यह भी जोर दिया कि इससे किसी भी वोट को इधर से उधर किए जाने के कोई सबूत नहीं हैं। वर्तमान में यूएस हाउस इंटेलीजेंस कमेटी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हैकिंग की जांच कर रही है। (Agency)