MP के अफसरों की लापरवाही, जिंदा लोगों को सरकारी कागजों में किया मृत घोषित | Nation One
जब कोई व्यक्ति अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र देता रहे और प्रशासनिक अधिकारी उसे सूची पर मृत घोषित कर दे, तो जानकार आश्चर्य होगा कि यह कैसे संभव है दरअसल ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के कटनी जिले से सामने आया है।
वैसे तो कटनी नगर निगम क्षेत्र में 45 वार्ड हैं और इन 45 वार्डों में ऐसे कई लोग हैं जो गरीबी रेखा कार्ड की सुविधा से ही जीवन यापन करते हैं। लेकिन अब उनके जीवन यापन पर प्रशासन ने प्रश्नवाचक चिन्ह खड़ा कर दिया है क्योंकि प्रशासन ने एक सूची जारी कर उन्हें मृत घोषित कर दिया है।
दरअसल 3 दिन पहले कटनी खाद्य विभाग ने गरीबी रेखा कार्ड धारियों की एक सूची जारी की जिसमें जो गरीबी रेखा क्षेत्र में आते हैं उन्हें राशन कार्ड से कितना अनाज मिलना है यह तय रहता है। लेकिन जब राशन कार्ड गरीबी रेखा का लेकर हितग्राही राशन दुकान पहुंचता है तो वहां से उसे उल्टे पैर वापस आना पड़ता है।
क्योंकि वहां पर राशन दुकानदार के द्वारा यह कह दिया जाता है कि आप जिस व्यक्ति का राशन लेने आए हैं वह मृत हो चुका है और आप को राशन नहीं दिया जाएगा। लेकिन जो व्यक्ति मृत हो चुका है वह राशन दुकान में खड़े होकर चिल्ला चिल्ला कर कहता है कि मैं जीवित हूं तो मृत कहां से हो गया, लेकिन अधिकारियों के कान में जू तक नही रेंगती।
जब इस मामले के सामने आने पर हमारी टीम पड़ताल करती है तो देखा जाता है कि खाद विभाग के द्वारा गरीबी रेखा कार्ड की जो सूची तैयार की गई है उसमें 50% से ज्यादा लोगों को अपात्र किया गया है और कुछ लोगों को उसमें मृत घोषित भी किया गया है।
तब हमारी टीम जब आगे और बढ़ती है तब वह देखती है कि जो लोगों को मृत घोषित किया गया था वह जीवित निकलते हैं और वह अपना प्रमाण आधार कार्ड दिखाते हैं कि मैं जीवित अवस्था में हूं, लेकिन अधिकारियों के द्वारा सूची में उन्हें मृत घोषित कर दिया जाता है, जिसके कारण उन्हें राशन नहीं दिया जाता।
वहीं सूची में जब हम एक महिला को देखते हैं जिनकी उम्र महज 75 वर्ष होती है और वह महिला बुजुर्ग की श्रेणी में आते हुए खुद राशन दुकान पर राशन लेने पहुंचती हैं तो उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता है कि सूची में आप को मृत घोषित कर दिया है। फिर जब वह अपने क्षेत्र के पार्षद मिथिलेश जैन के पास पहुंचती हैं तो यह पूरी कहानी समझ में आती है कि जो सूची खाद विभाग के द्वारा जारी की गई थी उसमें महिला को मृत घोषित कर दिया गया है।
महिला श्यामा बाई जिनके घर में कमाने वाला कोई भी नहीं है, श्याम बाई खुद दूसरों के घर में बर्तन धो कर अपना घर चलाती हैं और जब वह अपना गरीबी रेखा का कार्ड लेकर राशन दुकान पहुंचती है तो उन्हें मृत बताकर वापस लौटा दिया जाता है। जिस पर पार्षद के द्वारा सत्यापित करा कर खाद्य विभाग में भिजवाया जाता है, लेकिन वहां से नगर निगम एसडीएम कलेक्ट्रेट की तरफ जाने के लिए कहा जाता है।
जब इस मामले पर हमारे द्वारा अधिकारी खाद्य विभाग के पीके श्रीवास्तव से बात की गई तो उनका यह कहना था कि लिस्ट सर्वे के आधार पर तय की गई है और अगर लिस्ट में कोई अपात्र या मृत है तो 8 अगस्त 2020 को वह अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है। लेकिन दो दिन पहले ही निकली इस लिस्ट के बारे में ना तो वार्ड की जनता को पता होता है ना ही किसी अन्य व्यक्ति को जिससे वे यह देख सके कि कौन अपात्र है और कौन मृत। वहीं उन्होंने यह तक कह दिया कि ऐसा कोई मामला नहीं हो सकता कि मृत व्यक्ति जीवित हो।
इस पूरे मामले पर तंज कसते हुए कांग्रेस के शहर जिला अध्यक्ष मिथिलेश जैन ने शासन और जिला प्रशासन के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह सर्वे घर बैठे सर्वे हुआ है कि किसी को पात्र किसी को अपात्र किसी को मृत घोषित कर दिया है। जिससे जनता में काफी रोष है और इसका पत्राचार भी हमारे द्वारा किया गया है। लेकिन अगर सरकार और जिला प्रशासन जल्दी इसमें एक्शन नहीं लिया तो हम बहुत जल्द सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे।
कटनी से योगेश खरे की रिपोर्ट