महिलाओं को लेकर समाज की सोच बदले की जरूरत

सीएम आवास स्थित सभागार में उत्तराखंड महिला आयोग की ओर से आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ महिला बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य ने किया। कार्यशाला में देशभर से महिला आयोग के प्रतिनिधि हिस्सा ले रही हैं। देश में आजादी के बाद महिलाओं की दशा एवं दिशा में क्या बदलाव हुए हैं, उसको लेकर राजधानी देहरादून में मंथन हुआ।

देश भर के महिला आयोग से आई हुई प्रतिनिधियों ने महिलाओं को अधिकार संपन्न बनाने की वकालत की। संसद से लेकर राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग रखी। महिलाओं को लेकर समाज की सोच बदलने पर जोर दिया। साथ ही अधिकार संपन्न बनाने से पहले महिलाओं को एक इंसान समझने की अपील की।

मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि समाज में महिलाओं को सिर्फ इंसान ही समझ लिया जाए, तो उन्हें उनके सभी अधिकार मिल जाएंगे। कहा कि महिलाएं अपनी क्षमताओं की बदालत केंद्र सरकार में रक्षा, विदेश जैसे अहम विभाग संभाल रही है। अब समय आ गया है, जब संसद समेत विधानसभाओं में महिला आरक्षण 33 प्रतिशत किया जाए। तील तलाक की तरह केंद्र की मोदी सरकार इस दिशा में जरूर महिलाओं को उनका वाजिब हक देगी।

ग्रामीण स्तर पर जाकर जागरुकता अभियान चलाने पर दिया जोर

उन्होंने महिला आयोग से निचले ग्रामीण स्तर पर जाकर जागरुकता अभियान चलाने पर जोर दिया। ताकि अशिक्षित, ग्रामीण महिलाओं को भी उनके अधिकारों की जानकारी मिल सके। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा ने कहा कि उत्तराखंड में हर सरकार में महिलाओं के सम्मान का विशेष ख्याल रखा गया है। सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत महिला आरक्षण दिया जा रहा है। इंदिरा अम्मा कैंटीनों के जरिए महिला उद्यमियों को आगे लाया जा रहा है।

नारी निकेतन से महिला के जाने पर 21 हजार रुपये दिए जाते हैं। राज्य के 75 ब्लॉक में खुली अदालतों, शिविरों का आयोजन किया गया। प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य की महिलाएं पर्वतीय क्षेत्रों की आर्थिकी की असल रीढ़ हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *