नवरात्रि 2019: नवरात्रि में ऐसे करें कलश स्थापना, जानें शुभ मुहूर्त और विधि
आदिस्वरूपा मां शक्ति की आराधना का पावन पर्व नवरात्रि रविवार (29 सितंबर)से प्रारंभ हो रहा है। इस दौरान अलग-अलग दिन मां के अलग-अलग स्वरूपों की वंदना होती है। पहले दिन कलश स्थापना से शुरू हुआ व्रत नौवें दिन पारण के साथ खत्म होता है।
शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 16 मिनट से 7 बजकर 40 मिनट तक…
नवरात्रि के पहले दिन यानी बुधवार को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 16 मिनट से 7 बजकर 40 मिनट तक है। इस दौरान आप घर में या फिर मंदिर में कलश स्थापना कर देवी की आराधना शुरू कर सकते हैं। ज्यादातर लोग घरों में ही कलश स्थापना करते हैं, लेकिन कम लोगों की ही स्थापना की विधिवत जानकारी होती है। हम आपको कलश स्थापना की पूरी जानकारी दे रहे हैं।
लकड़ी के एक आसन पर लाल रंग का वस्त्र बिछायें…
कलश स्थापना के लिए प्रतिपदा के दिन स्नान करने के बाद पूजा स्थल को शुद्ध कर लें। इसके बाद लकड़ी के एक आसन पर लाल रंग का वस्त्र बिछायें। वस्त्र पर श्री गणेश जी का स्मरण करते हुए थोड़े चावल रखें। अब मिट्टी की वेदी बनाकर उस पर जौ बोयें, फिर इस पर जल से भरा मिट्टी, सोने या तांबे का कलश विधिवत स्थापित करें।
कलश पर रोली से स्वास्तिक या ऊँ बनाएं…
कलश पर रोली से स्वास्तिक या ऊँ बनाएं। इसके साथ ही कलश के मुख पर रक्षा सूत्र भी बांधना चाहिए साथ ही कलश में सुपारी, सिक्का डालकर आम या अशोक के पत्ते रखने चाहिए। अब कलश के मुख को ढक्कन से ढक कर इसे चावल से भर देना चाहिए।
कलश की पूजा के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करना…
अब एक नारियल लेकर उस पर चुनरी लपेटें व रक्षासूत्र से बांध दें। इसे कलश के ढक्कन पर रखते हुए सभी देवी-देवताओं का आह्वान करें और अंत में दीप जलाकर कलश की पूजा करें व षोडशोपाचार से पूजन के उपरांत फूल व मिठाइयां चढ़ाकर माता का पूजन ध्यान पूर्वक करें। इस घट पर कुलदेवी की प्रतिमा भी स्थापित की जा सकती है। कलश की पूजा के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करना चाहिए।