
नासा ने जारी की बाढ़ के पहले और बाद का मंजर…बताया सदी की सबसे भीषण बाढ़ का कारण
कोच्ची : सदी की सबसे भीषण बाढ़ झेलने के बाद अब केरल में हालात सुधर रहे हैं। सड़क से लेकर घरों तक गाद और मलबा हर जगह दिखाई दे रहा है। इसे हटाने के लिए बड़े पैमाने पर सफाई अभियान चलाया जा रहा है।
इस बीच अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने बाढ़ के पहले और बाढ़ के बाद की केरल की कुछ तस्वीरें जारी की गई है। नासा का कहना है कि बांध से छोड़े गए पानी ने बाढ़ को भीषण बना दिया। केरल की बाढ़ में अब तक 474 लोगों की मौत हो चुकी है।
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6 फरवरी 2018 को ली गई नासा की तस्वीर में केरल के वेमबानद लेक, अलप्पुझा, कोट्टायम, चंगासेरी और थिरुवला के बांधों में बांधों में पानी जमा होता दिखाई दे रहा है। जबकि 22 अगस्त 2018 को ली गई तस्वीर में पानी का सैलाब पूरे केरल पर साफ़ देखा जा सकता है। इसमें पूरा केरल पानी-पानी नजर आ रहा है।
वहीं, नासा वैज्ञानिकों का कहना है कि डैम से पानी काफी देर से छोड़ा गया और जब पानी छोड़ा गया तो उस वक्त भारी बारिश हो रही थी। देखा जाए तो 20 जुलाई से तेज बारिश शुरू हुई हुई थी। फिर पानी छोड़े जाने के साथ ही 8 अगस्त से बाढ़ शुरू हुई। इस बाढ़ को 13 से 20 अगस्त के बीच हुई तेज बारिश ने और भी बढ़ा दिया।
भारी बारिश से राज्य के 80% डैम भर गए थे।
इडुक्की के 35 गेट एक साथ खोलने पड़े। अगर इसका सही प्रबंधन किया जाता तो ऐसी स्थिति से बचा जा सकता था। उधर, केरल के सीएम पिनराई विजयन ने कहा है कि वो बाढ़ के बाद अब नया केरल बसाएंगे। बाढ़ ने उन्हें मौका दिया है। उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार इसमें उनकी मदद करेगी।