स्पेन के टेनिस स्टार राफेल नडाल ने रोलां गैरां पर अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए स्विटजरलैंड के स्टैन वावरिंका को एकतरफा फाइनल में आसानी से हराकर इतिहास रचा है। राफेल नडाल ने दसवीं बार फ्रेंच ओपन टेनिस टूनार्मेंट का पुरूष एकल खिताब जीता। स्पेनिश खिलाड़ी नडाल ने वावरिंका को 6-2, 6-3, 6-1 से हराया और इस तरह से दुनिया के पहले पुरुष खिलाड़ी बने जिन्होंने एक ही टूनार्मेंट को रिकॉर्ड दस बार जीता हो। अपना 22वां ग्रैंडस्लैम फाइनल खेल रहे नडाल ने फ्रेंच ओपन में तीसरी बार बिना सेट गंवाए खिताब जीता। उन्होंने केवल 35 गेम गंवाए और इनमें फाइनल के केवल छह गेम शामिल हैं।
फाइनल में 31 साल के नडाल और 33 साल के वावरिंका आमने सामने थे लेकिन स्पेनिश खिलाड़ी ने शुरू से अपना दबदबा बनाये रखा और आखिर तक उसे बरकरार रखा। 1969 के बाद पहली बार फाइनल में 30 साल से अधिक उम्र खिलाड़ी खेले। यह 1969 के बाद पहला अवसर था जबकि फाइनल में 30 साल से अधिक उम्र के दो खिलाड़ी खेल रहे थे। वावरिंका को पहले सेट के तीसरे गेम में ब्रेक प्वाइंट का मौका मिला था लेकिन इसके बाद नडाल ने पूरे मैच में उन्हें आगे ऐसा कोई अवसर मुहैया नहीं कराया। वावरिंका ने शुरू में नडाल को टक्कर देने की कोशिश की। उन्होंने चौथे गेम में चार ब्रेक प्वाइंट बचाये और स्कोर 2-2 से बराबर किया। नडाल ने हालांकि इसके बाद आसानी से अपनी सर्विस पर अंक बनाया और फिर वावरिंका की सर्विस तोड़कर 4-2 से बढ़त हासिल कर ली। वावरिंका ने अपनी सर्विस पर फोरहैंड बाहर मारकर 17वीं बार अपनी गलती से अंक गंवाया। इससे नडाल ने 44 मिनट में यह सेट अपने नाम किया।
नडाल ने दूसरे सेट की शानदार शुरुआत की। उन्होंने अपने करारे फोरहैंड से वावरिंका को चौका दिया और तब उनके पास तीन ब्रेक प्वाइंट थे। वावरिंका ने इसके बाद अपना फोरहैंड नेट पर मार दिया जिससे नडाल ने 2-0 की बढ़त हासिल कर ली। नडाल ने इसके बाद भी अपनी सर्विस में कोई गलती नहीं की और आसानी से दूसरा सेट भी जीता। वावरिंका की खीक्ष साफ दिख रही थी और उन्होंने इस मैच अपना रैकेट भी नीचे पटका।
तीसरे सेट के पहले गेम में नडाल ने फिर से 2015 के चैंपियन वावरिंका की सर्विस तोड़ी। इसके तुरंत बाद नडाल के पास दो ब्रेक प्वाइंट थे जिससे उन्होंने स्कोर 4-1 कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपनी सर्विस बचाये रखी और जब स्विस खिलाड़ी ने अपना बैकहैंड नेट पर मारा तो नडाल ने इतिहास रच दिया।
इस बीच महिला युगल के फाइनल में अमेरिका की बेथानी माटेक सैंडस और चेक गणराज्य की लूसी सैफरोवा की शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी ने एशलीग बाटीर् और कैसे डेलेक्वा की गैर वरीय आस्ट्रेलियाई जोड़ी को 6-2, 6-1 से हराकर खिताब जीता।
सबसे कम उम्र की फ्रेंच ओपन विजेता बनी येलेना
लातविया की गैरवरीयता प्राप्त येलेना ओस्टोपेंको ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखते हुए तीसरी वरीयता प्राप्त सिमोना हालेप को हराकर फ्रेंच ओपन खिताब जीता है। 20 वर्षीय ओस्टापेंको ने यह कड़ा मुकाबला 4-6, 6-4, 6-3 से जीता। वह रोलां गैरां में खिताब जीतने वाली पहली गैर वरीयता प्राप्त और सबसे कम रैंकिंग की खिलाड़ी बन गयी हैं। लातविया की वह पहली खिलाड़ी है जिसने कोई ग्रैंडस्लैम खिताब जीता। यही नहीं वह इवा मजोली (1997) के बाद सबसे कम उम्र की फ्रेंच ओपन विजेता हैं और गुस्तावो कुएर्टन के बाद पहली ऐसी खिलाड़ी हैं जिसने ग्रैंडस्लैम में पदार्पण टूर स्तरीय खिताब जीता। कुएर्टन ने 1997 में रोलां गैरां पर ही यह कमाल दिखाया था।
हालेप लिली नतासे और वर्जीनिया रूजिसी के बाद ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाली तीसरी रोमानियाई खिलाड़ी बनने की राह पर थी लेकिन रोलां गैरां पर उन्हें चार साल में दूसरी बार फाइनल में हार झेलनी पड़ी। अगर यह 25 वर्षीय खिलाड़ी खिताब जीत लेती तो एंजलिक कर्बर की जगह विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बन जाती लेकिन ओस्टोपेंको के सामने उनकी एक नहीं चली जिन्होंने 54 विनर्स लगाये। इसके जवाब में हालेप केवल दस विनर ही जमा पायी। हालेप ने कहा, “मैं आहत हूं लेकिन उम्मीद है कि भविष्य में यह खिताब जीतने में सफल रहूंगी। मैं येलेना को बधाई देती हूं। इसका आनंद उठाओ और ऐसे ही अच्छा प्रदर्शन जारी रखो।”
दूसरे सेट के शुरू में दोनों खिलाड़ियों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। उन्होंने एक दूसरे की सर्विस तोड़ी जिससे स्कोर 4-4 हो गया इसके बाद हालांकि ओस्टापेंको ने शून्य पर हालेप की सर्विस तोड़ी और फिर यह सेट अपने नाम करके मैच को निर्णायक सेट तक खींच दिया। ओस्टोपेंको इसके बाद भी हावी होकर खेलीं और उन्होंने 4-3 की बढ़त हासिल करके हालेप को परेशानी में डाल दिया। क्वार्टर फाइनल में इलिना स्वितोलिना के खिलाफ मैच प्वाइंट बचाने वाली हालेप इस बार ऐसा कोई कमाल नहीं दिखा पायी और ओस्टापेंको ने एक और ब्रेक प्वाइंट लेकर खिताब अपने नाम किया।