मोदी सरकार के ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे को पंजाब नहीं दे रहा है रास्ता…
सुशील खरे
पंजाब : केंद्र की मोदी सरकार के ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे के लिए पंजाब ‘रास्ता’ नहीं दे रहा है। जब तक पंजाब सरकार नक्शा बनाकर नहीं देती, हरियाणा और केंद्र सरकार इस पर आगे नहीं बढ़ सकते। यानी लगभग 600 किमी लम्बे इस हाईवे निर्माण का काम आगे नहीं बढ़ पाएगा। चार राज्यों से जुड़े इस प्रोजेक्ट को लेकर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी हाल ही में चारों राज्यों से बात कर चुके हैं।
क्सप्रेसवे दिल्ली से कटरा तक की दूरी…
बताया जा रहा है कि यह एक्सप्रेसवे दिल्ली से कटरा तक की दूरी को 11-12 घंटे से कम करके 5-6 घंटे तक कर देगा। केंद्रीय मंत्रालय ने इस एक्सप्रेसवे पर लंदन की तर्ज पर ट्रांसपोर्ट सिस्टम स्थापित करने की प्लानिंग की है। दिल्ली से हरियाणा और पंजाब के रास्ते यह एक्सप्रेस-वे जम्मू होते हुए कटरा पहुंचेगा। यह जम्मू-कश्मीर हाईवे को भी कनेक्ट करेगा। केंद्र ने पंजाब को कहा है कि वह हरियाणा और जम्मू बार्डर तक का रूट तैयार करके दे। इसके बाद हरियाणा सरकार भी अपना रास्ता तैयार कर सके। मोटे तौर पर दिल्ली से झज्जर के बहादुरगढ़, रोहतक और जींद से होते हुए हाईवे जाखल पहुंचेगा। फिर रूट पंजाब को तय करना है। इसके बाद सरकार को जमीन का अधिग्रहण करना होगा।
मोदी सरकार के चारधाम हाईवे प्रोजेक्ट का यह हिस्सा…
बता दें कि मोदी सरकार के चारधाम हाईवे प्रोजेक्ट का ही यह हिस्सा है। केंद्र की ओर से कंसल्टेंट भी नियुक्त किया जा चुका है। यह एक्सप्रेसवे कुंडली से गाजियाबाद रूट के तर्ज पर बनेगा। दिल्ली-अमृतसर-कटरा परियोजना से दिल्ली से कटरा की दूरी 727 किमी से घटकर 572 किमी रह जाएगी। एक्सप्रेसवे पर वाहन चालकों को मौसम की जानकारी भी मिलेगी। स्पीड लिमिट तय होगी। ओवर स्पीड पर पहले वार्निंग फिर सीधे चालान होगा।
पलवल अब दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस वे से…
केजीपी और केएमपी एक्सप्रेसवे की शुरुआत पलवल से होती है, अब हरियाणा का यह जिला दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ने को तैयार है। एनएचएआई के एडवाइजर सीआर राणा (सेवानिवृत्त आईएएस अफसर) के नेतृत्व में हाल ही में इस पर चर्चा की गयी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि भूमि अधिग्रहण जल्दी करें। बताया जा रहा है कि करीब 197 हेक्टेयर जमीन इस जिले में अधिगृहीत की जानी है।
परियोजना की कुल लागत एक लाख करोड़…
उपायुक्त मणिराम शर्मा का कहना है कि जिले से 10 किलोमीटर लंबे रूट के लिए अकबरपुर-नटोल, बिघावली, चंडका, मीरका, रीवाड़, मंडकोल और पांडरी गांवों की जमीन अधिगृहीत होनी है, उनके क्षेत्र में अभी इस पर कोई रुकावट नहीं है। बता दें कि 1250 किलोमीटर लंबे इस सुपर एक्सप्रेस के बारे में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस साल अप्रैल में घोषणा की थी और इसे तीन साल में पूरा किया जाना है। परियोजना की कुल लागत एक लाख करोड़ रुपये है। इसका रूट दिल्ली, गुरुग्राम, मेवात, कोटा, रतलाम, गोधरा, वडोदरा, सूरत और मुंबई तक होगा।