देहरादूनः उत्तराखंड भाजपा में आजकल कुछ ठीक नहीं चल रहा है. अबकी बार पार्टी के रायपुर से विधायक उमेश काऊ के `लैटर बम` ने खलबली मचाई हुई है जो कि, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पत्र में काऊ ने पार्टी के प्रशिक्षण वर्ग कार्यक्रम में मुख्य वक्ता इंदु बाला पर पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के खिलाफ आपत्तिजनक और अशोभनीय टिप्पणी करने का आरोप लगाया है जबकि, इंदु बाला ने इससे इन्कार किया है. बहरहाल भाजपा विधायक ने इंदु बाला पर अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत से शिकायत की है. शिकायती पत्र की प्रति उन्होंने प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिव प्रकाश और विजय बहुगुणा को भी भेजी है.
विधायक, काऊ ने यह शिकायत वीरचंद्र सिंह गढ़वाली मंडल के उपाध्यक्ष, मंत्री व पार्षद के संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र के आधार पर की है. उधर, पत्र लीक हो जाने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भगत और प्रदेश संगठन महामंत्री ने भी इंदु बाला से जानकारी ली. प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर भगत ने कहा कि, मुझे अभी विधायक का पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. विधायक सौरभ बहुगुणा ने मुझे फोन पर उनके पिता के लिए की गई टिप्पणी के बारे में बताया. मैंने इंदु बाला से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया. पहले की सरकारों के बारे में ही कहा. इस बारे में उनसे अलग से पूछा जाएगा.
इंदु बोलीं, आरोप झूठा है, मैंने किसी का नाम नहीं लिया
इंदु बाला ने पार्टी विधायक उमेश काऊ के आरोपों को गलत बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया है. बकौल इंदु बाला, प्रशिक्षण वर्ग में मुझे सरकार की उपलब्धियों पर बोलना था. मैंने पूर्व सरकारों से तुलना करते हुए उनकी आलोचना की. मैंने किसी भी नेता का नाम नहीं लिया. इस बात को बेवजह तूल दिया जा रहा है. मैंने कुछ गलत नहीं किया. प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश महामंत्री संगठन को मैंने अपना पक्ष बता दिया है. आपको बता दें, भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के पत्र के बाद चर्चाओं में आई इंदु बाला को प्रदेश सरकार ने बुधवार को उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का सदस्य नामित किया था. वे बोर्ड में कर्मकारों के प्रतिनिधित्व के तौर पर सदस्य बनाई गईं हैं.
विधायक काऊ का विवादों से है पुराना नाता
भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ उन विधायकों में शामिल हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के नेतृत्व में कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हो गए थे. पार्टी टिकट पर काऊ अपनी रायपुर सीट से विधायक चुने गए. पिछले दिनों भी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे पत्र को लेकर वह चर्चाओं में आए थे. उन्होंने अपनी विधानसभा में विकास कार्य न किए जाने की शिकायत की थी. इससे पूर्व वह एक विवादित ऑडियो के वायरल हो जाने के बाद चर्चाओं में आ गए थे. पार्टी ने उन्हें नोटिस दिया था. निकाय चुनाव में भी उनका पार्टी के कार्यकर्ताओं से विवाद रहा. अब भी काऊ से जुड़े विवाद थम नहीं रहे हैं.सियासी हलकों में यह चर्चा आम है कि भाजपा के ही कई दिग्गज नेताओं की काऊ की सीट पर नजर है. हालांकि पार्टी के प्रांतीय नेतृत्व इस संभावना से साफ इनकार करता रहा है.
हाल ही में, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के 2022 का विधानसभा चुनाव न लड़ने को लेकर सियासी तापमान बढ़ गया था. इससे पहले सितंबर में डीडीहाट के विधायक बिशन सिंह चुफाल ने दिल्ली जाकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. जिसे यह माना जा रहा था कि, विधायक चुफाल मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत करने जा रहे हैं लेकिन, बाद में चुफाल को सफाई देनी पड़ी कि, वह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर भगत को बताकर दिल्ली गए थे.