यूपीसीएल पर करोड़ों बकाया, लापरवाही पर जीएम समेत छह अफसर निलंबित | Nation One
देहरादूनः उत्तराखंड पावर कारोपरेशन लि. (यूपीसीएल) प्रबंधन ने करोड़ों रुपये की बकाया राशि की वसूली में लापरवाही बरतने पर बड़ी कार्रवाई की है. इस मामले में एक महाप्रबंधक (वित्त), दो अधीक्षण अभियंता, एक अधिशासी अभियंता समेत छह अधिकारियों को निलंबित किया गया है. इनसभी को आरोप पत्र भी जारी हुआ है. निलंबन की यह कार्रवाई जांच समिति की सिफारिश पर की गई है.
पिछले दिनों मीडिया में बिजली बेचने वाली कंपनी यूपीसीएल के करोड़ों फंसने की खबर छपने पर सचिव ऊर्जी राधिका झा ने इसकी जांच यूपीसीएल के एमडी नीरज खैरवाल को सौंपी थी. जांच में वित्तीय अनियमितता और लापरवाही उजागर हुई है. प्रथम दृष्टया इन सभी अधिकारियों को उत्तरदायी पाया गया है. इनके अलावा छह अन्य अधिकारियों को भी आरोप पत्र जारी किया गया है. तीन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है.
यूपीसीएल ने इसकी रिपोर्ट शासन को सौंपी साथ ही सचिव ने एमडी से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी थी. गुरुवार को निगम प्रबंधन ने लापरवाही बरतने के आरोप में मोहम्मद इकबाल महाप्रबंधक (वित्त), बृज सिंह और सुनील वैद्य (अधीक्षण अभियंता), अर्जुन प्रताप सिंह (अधिशासी अभियंता), राकेश चंद्र (वरिष्ठ लेखाधिकारी) और अवनीश गुप्ता (सहायक लेखाधिकारी) को निलंबित कर दिया.
इसके अलावा यूपीसीएल ने छह अन्य अधिकारियों को भी आरोप पत्र जारी किया है. इनमें मुख्य अभियंता एसके टम्टा, अधिशासी अभियंता रजनीश अग्रवाल, लेखाधिकारी एसके मेहता, सहायक अभियंता प्रवेश कुमार, एसके मेहता, मनीष पांडेय और लेखाकार होशियार सिंह शामिल हैं. महाप्रबंधक वित्त अनिल मित्तल, मुख्य अभियंता एके सिंह और सीएस धर्मसत्तू को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
यह था मामला
मैसर्स केईआईपीएल नाम की कंपनी ने यूपीसीएल की सरप्लस बिजली को बाजार में बेचा लेकिन, इसके एवज में निर्धारित समय सीमा पर इसकी धनराशि नहीं लौटाई. कंपनी पर करीब 60 करोड़ से अधिक की धनराशि बकाया हो गई. सचिव ने कंपनी से धनराशि वसूली में लापरवाही बरते जाने पर जांच के आदेश दे दिए. जांच में अधिकारियों की जवाबदेही तय की गई.