खुलासाः पहाड़ में नहीं मिला समाजसेवा का मौका तो पलायन कर गए
देहरादून
अभी तक उत्तराखंड में पलायन की वजह रोजगार, पढ़ाई और संसाधनों की कमी होना ही बताया जा रहा था। बुधवार को पलायन समाधान समिति की बैठक में पलायन की एक और वजह समाजसेवा भी सामने आई। प्रमुख सचिव नियोजन डॉ. उमाकांत पंवार ने बताया कि 6000 परिवारों पर सर्वे में पौड़ी और अल्मोड़ा में नैगेटिव ग्रोथ पाई गई। सर्वे में रोजगार, अध्ययन और समाजसेवा आदि को पलायन का कारण बताया गया। इससे साफ है कि समाज सेवा के लिए भी पहाड़ से पलायन करना पड़ रहा है। इसका मतलब यह हुआ इस वजह से पलायन करने वालों भी समाजसेवा के संसाधन और सुविधा वाले स्थान ही पसंद आ रहे हैं।
पर्यटन मंत्री और पलायन समाधान समिति के अध्यक्ष सतपाल महाराज ने बुधवार को सचिवालय में पलायन के समाधान पर विभागीय सचिवों के साथ बैठक की। महाराज ने विभागीयों सचिवों और जिलाधिकारियों से पलायन रोकने के लिए सुझाव मांगे। सरकार ने पहाड़ से मैदानी क्षेत्रों में हो रहे पलायन को रोकने के लिए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में पलायन समाधान समिति बनाई है। समिति में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य सदस्य हैं। पर्यटन मंत्री ने कहा कि चार धाम के कपाट बंद होने के बाद भी पड़ाव स्थलों पर पूजा होती है। राज्य सरकार यात्रा को बढ़ावा देगी। इसके साथ ही विंटर डेस्टीनेशन भी विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों और तीथयात्रियों के आवागमन से स्थानीय लोगों के रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। पर्यटक पुलिस की भर्ती भी की जाएगी। पर्यटकों को पर्यटन स्थलों की विस्तृत जानकारी देने की जिम्मेदारी पर्यटक पुलिस की होगी। विभागीय बजट में रोजगार सृजन का भी जिक्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पलायन को रोकने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आदि बुनियादी सुविधाओं की भी व्यवस्था पर्वतीय क्षेत्रों में होनी चाहिए। mygovmysuggestion@gmail.com या 9084643548 पर मेसेज करके या लिखित रूप से पलायन समाधान समिति रूम नंबर 8 विधानसभा, देहरादून पर सुझाव भेजे जा सकते हैं। अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि योजनाओं को एकीकृत कर समन्वय के आधार पर बेहतर परिणाम लिया जा सकता है। क्षेत्रवार विश्लेषण कर कृषि, बागवानी, खनन को प्राथमिक क्षेत्र बनाना चाहिए। इसके बाद लघु उद्योग और सेवा क्षेत्र को फोकस करना होगा। होम स्टे को बढ़ावा देकर स्थानीय लोगो की आमदनी बढ़ाई जा सकती है। बाह्य पूंजी निवेश पर ध्यान देने की जरूरत है। जलागम को ग्राम विकास का केन्द्र बिन्दु बनाना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में ज्यादा से ज्यादा हवाई सेवाओं का विस्तार करना होगा।
प्रमुख सचिव एमएसएमई मनीषा पंवार के अनुसार क्लस्टर एप्रोच से बागवानी, खाद्य प्रसंस्करण, टी टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहिए। उत्तरांचल उत्थान परिषद के राम प्रकाश पैन्यूली ने प्रवासी पंचायत, ग्रामोत्सव, भू बंदोबस्त पर प्रकाश डाला। सचिव राजस्व हरवंश सिंह चुघ ने पर्वतीय क्षेत्रों में लघु उद्योग लगाने पर छूट देने, कांट्रेक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। जिलाधिकारियों ने जनपद विशेष की आवश्यकता के अनुसार पलायन रोकने पर अपने सुझाव दिए।