हिमालय की चोटी से दिया माहवारी जागरूकता का सन्देश | Nation One
खोल दे पंख मेरे कहता है परिंदा, अभी और उड़ान बाकी है। जमीन नहीं है मंजिल मेरी अभी पूरा आसमान बाकी है। लहरों की खामोशी को समंदर मत समझ ए नादान, जितनी गहराई अन्दर है, बाहर उतना तूफान बाकी है। कुछ इस तरह का जज़्बा लेकर हिमालय की ऊंची चोटियों को फतेह कर भारत का नाम रोशन किया है। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के रहने वाले युवा पर्वतारोही नीतीश सिंह ने। गोरखपुर के युवा पर्वतारोही नीतीश सिंह ने माउंट रूद्र गैरा की 19086 फीट की ऊंची चोटी पर पहुंचकर भारत का गौरव तिरंगा लहराया।
नीतीश सिंह इस चढ़ाई के दौरान करीब 30 किलो का वजन लेकर जिसमे कपड़े स्लीपिंग बैग, अपना पूरा खाने का राशन और बरतने गैस को लेकर चलना था, जो इस चढ़ाई को सबसे कठिन बना देती है। जब नीतीश ने 8 अक्टूबर को सम्मिट कैंप 16,800 फीट से माउंट रूद्र गैरा के सम्मिट के लिए सुबह 3:45 पर निकल रहे थे तो उस समय करीब माइनस -10 डिग्री सेल्सियस तक तापमान था एवं तेज हवाएं भी चल रही थी पर नीतीश ने हार नहीं मानी। पहाड़ियों पर कई बार भारत के झंडा को फहरने के बाद वह बहुत ही खुश थे।
नीतीश ने ना सिर्फ भारत का तिरंगा लहराया बल्कि अपने साथ लेकर गए वोमेनाइट संस्था का बैनर भी लहराया। ये वो संस्था है जो महिलाओं में माहवारी को लेकर जागरूकता जगाती है। इसके साथ ही नीतीश ने सबसे पहले दिल्ली के आयकर विभाग में कार्यरत जॉइंट कमिश्नर आई आर एस अमन प्रीत का तहदिल से धन्यवाद किया। आई आर एस अमन प्रीत जिन्हें लोग भारत को पैड वुमन के नाम से भी जानते हैं, आज लोगों के दिलों में अपनी एक गहरी छाप छोड़ चुकी है।
कोरोना के दौरान लॉकडाउन में उन्होंने एक अनूठी पहल की शुरुआत की। लोगों में खाना और मास्क बाटने के साथ साथ उन्होंने महिलाओं के लिए भी कुछ करने का सोचा। आज वो देश के कोने कोने तक 13 लाख से भी ज्यादा महिलाओं को निशुल्क सैनिटरी पैड्स वितरित कर चुकी है।
उससे भी अहम माहवारी के दौरान कपड़े का इस्तेमाल ना करके सैनिटरी पैड्स को लेकर जो अलख वो जगा रही है वो वाकई काबिले तारीफ है। आज उनके साथ हजारों युवा जुड़े हैं उनके इस शानदार काम को आगे ले जाने के लिए। नीतीश सिंह ने भी उनकी इस पहल को इतनी ऊंची चोटियों से लोगों के सामने रखा है।