मायावती बोलीं, 2019 लोस चुनाव में सपा से गठबंधन हमारी बड़ी भूल | Nation One
लखनऊ : पार्टी के सात विधायकों की कारगुजारी से नाराज बसपा प्रमुख मायावती ने समाजवादी पार्टी पर जमकर भड़ास निकाली. इन सात विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के लिए तय प्रत्याशी रामजी गौतम का विरोध कर सपा का साथ दिया है.
इससे नाराज होकर मायावती ने 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से गठबंधन को अपनी बड़ी भूल बताया है. मायावती ने गुरुवार को मीडिया संदेश में कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से हमारा गठबंधन जल्दबाजी में लिया गया फैसला था, जिसके अपेक्षित परिणाम नहीं मिल सके. समाजवादी पार्टी भरोसा करने लायक नहीं है.
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बसपा प्रमुख ने कहा कि, लोकसभा चुनाव में एनडीए को सत्ता में आने से रोकने के लिए हमारी पार्टी ने उस समाजवादी पार्टी के साथ हाथ मिलाया लेकिन, हमको किसी भी कीमत पर समाजवादी पार्टी से गठबंधन नहीं करना चाहिए था. हमने बाद में अपनी इस बड़ी गलती का अहसास किया. हमारी पार्टी ने बीते लोकसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक ताकतों से लडऩे के लिए समाजवादी पार्टी के साथ हाथ मिलाया था. इसका परिणाम अच्छा नहीं रहा.
समाजवादी पार्टी अपने परिवार की लड़ाई के कारण बहुजन समाज पार्टी के साथ उस गठबंधन से अधिक लाभ नहीं ले सके. हम भी उतने लाभ में नहीं रहे. लोकसभा चुनाव के बाद तो समाजवादी पार्टी के नेताओं ने हमसे संवाद ही बंद कर दिया, जैसे हमको जानते ही नहीं होंगे. उनके इस रवैये के कारण हमने भी उनसे संबंध का पटाक्षेप कर दिया.
बसपा प्रमुख ने कहा कि, जिसने अपनी सरकार के कार्यकाल में मेरी हत्या का षडयंत्र किया था. उस बड़े षड्यंत्र की घटना को भूलाते हुए हमने देश में संकीर्ण ताकतों को कमजोर करने के लिए सपा के साथ गठबंधन करके लोकसभा चुनाव लड़ा था.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव तो गठबंधन होने के पहले दिन से ही हमारी पार्टी के सतीशचंद्र मिश्रा से यह कहते रहे कि अब तो गठबंधन हो गया है तो बहनजी को 2 जून के मामले को भूला कर केस वापस ले लेना चाहिए, इस कारण हमको चुनाव के दौरान केस वापस लेना पड़ा.