आज ही के दिन हुआ था महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री का जन्म…
जिस समय हमारा देश अंग्रेजी हुकूमत का गुलाम हुआ करता था। उस समय हमारे देश में कुछ ऐसे भी क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत से अंग्रेजी हुकूमत को हटाने की ठान रखी थी। ना जाने भारत को आजादी दिलाने के लिए कितने लोगों ने अपनी जान की कुर्बानियां दी है। वहीं किसी को बचपन में ही अपना घर छोड़ना पड़ा। तो किसी को कम उम्र में ही फांसी के फंदे में चड़ना पड़ा।
2 अक्टूबर को भारत के दो दिग्गज नेताओं ने जन्म लिया…
वहीं आज 2 अक्टूबर को भारत के दो दिग्गज नेताओं ने जन्म लिया था। जिनके योगदान को आज पूरा देश याद कर रहा है। हम बात कर रहें है महात्मा गांधी जिनकी आज 150वीं जयंती है। वहीं देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बाहादुर शास्त्री की भी 116वीं जयंती मनाई जा रही है।
ब्रिटिश हुकुमत से आजादी दिलाने के लिए चंपारण सत्याग्रह…
अपने सादे जीवन और उच्च विचारों से इन दोनों ने देश को एक नया आकार देने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। वहीं “फादर आफ नेशन” महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में हुआ था। जिन्होंने भारत को ब्रिटिश हुकुमत से आजादी दिलाने के लिए चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन जैसे कई आदोंलन चलाए। इन आंदोलनों के वजह से ही आज हम आजाद भारत में साँस ले पा रहे हैं। आपको बता दें “भारत छोड़ो आंदोलन” ब्रिटिश शासन के खिलाफ महात्मा गांधी का तीसरा बड़ा आंदोलन था। जिसमें “अंग्रेजों भारत छोड़ो” का नारा दिया गया था।
ग्यारह वर्ष कि उम्र से ही राष्ट्रीय स्तर पर कुछ करने का मन बनाया…
वहीं बात करें लाल बहादुर शास्त्री की तो उनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तरप्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। जिन्होंने मात्र ग्यारह वर्ष कि उम्र से ही राष्ट्रीय स्तर पर कुछ करने का मन बना लिया था।
16 साल की उम्र में छोड़ी पढ़ाई…
वहीं सिर्फ 16 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी और महात्मा गांधी के असयोग आंदोलन मे शामिल हो गए थे। 1964 में जब लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रधानमंत्री बने, तो उनके शासनकाल में 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। साथ ही देश में भयंकर सूखा पड़ गया था। ऐसी संकट की घड़ी में उन्होंने अपनी तनख्वाह लेना बंद कर दिया था और देशवासियों से हफ्ते में एक दिन उपवास रखने की अपील की साथ ही सेना के जवानों और किसानों का महत्तव बताने के लिए उन्होंने “जय जवान जय किसान” का नारा भी दिया।
पाकिस्तान के साथ शांति समझौते के महज 12 घंटे बाद ही…
वहीं पाकिस्तान के साथ शांति समझौते के महज 12 घंटे बाद 11 जनवरी 1966 को लाल बहादुर शास्त्री की अचनाक मृत्यु हो गई थी। जिसे कुछ लोग उनकी मृत्यु को आज भी एक रहस्य के रुप में देखते हैं।
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