उत्तराखंडः यहां उफनते नालों को पेड़ों के सहारे पार करना मजबूरी

उत्तरकाशी


उत्तरकाशी जिले के सरबड़ियार क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण इन दिनों अज्ञात तरीके से बुखार से जूझ रहे हैं। इलाज की कोई व्यवस्था न होने से बीमार लोगों को बड़कोट तक लाना पड़ रहा है। क्षेत्र की नदियां उफान पर हैं और कोई सीधा रास्ता नहीं है। लिहाजा लोग पेड़ों के सहारे बरसाती नाले पार कर रहे हैं। हालात ये हैं कि बीमार लोगों को भी इसी तरह से निकाला जा रहा है।

उत्तरकाशी जनपद की पुरोला तहसील के सरबड़ियार क्षेत्र बेहद दुर्गम है। इस क्षेत्र रहने वाले लोग इस वक्त एक अज्ञात तरीके के बुखार की चपेट में है। लोग समझ ही नहीं पा रहे हैं कि यह किस तरह का बुखार है। इस क्षेत्र में लोगों को उपचार भी नहीं मिल पा रहा है। इसकी वजह यह है कि इस घाटी की एकमात्र आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी में पिछले एक माह से नहीं कोई स्टाफ ही नहीं है। लिहाजा बीमार लोगों को इलाज के लिए बड़कोट अस्पताल तक लाना पड़ा रहा है।

समस्या यहीं तक नहीं है। इस क्षेत्र के आठ गांवों में न तो बिजली है और न ही मोबाइल की कनेक्टिविटी। इस क्षेत्र तक आने-जाने के लिए कोई सीधा रास्ता भी नहीं है। एकमात्र पुलिया 2013 की आपदा में क्षतिग्रस्त हो चुकी है और  चार सालों बाद भी उसकी मरम्मत नहीं हो सकी है। ऐसे में पहाड़ी नालों को पार करके ही लोग बाहर निकल सकते है। इस समय पहाड़ की नाले उफान पर हैं। ऐसे में लोग नालों पर पेड़ डालकर उसे रास्ते के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। उफनती नालों को इस तरह से जान जोखिम में डालकर पार करना लोगों की मजबूरी बन गया है।

बरसाती गंदला पानी पीना बना मजबूरीः राज्य गठन के 17 साल बाद भी इस क्षेत्र के लिए कोई पेयजल योजना न तो अब बनी है और न ही किसी सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। साफ पानी उपलब्ध न होने की वजह से इस क्षेत्र में रहने वालों को बरसाती गंदला पानी ही पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि यह भी हो सकता है कि इस क्षेत्र में फैली बीमारी की वजह यह गंदला पानी ही हो।

आज भेजेंगे चिकित्सकों की टीमः मीडिया रिपोर्ट में पुरोला के एसडीएम शैलेंद्र नेगी के हवाले से बताया गया है कि सरबड़ियार क्षेत्र में बीमाऱी फैलने के बारे में उन्हें आज ही सूचना मिली है। चिकित्सकों की एक टीम को दवाओं के साथ उस क्षेत्र में रवाना किया जा रहा है।

 

 

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