हाथरस कांड के आरोपियों का एसपी को पत्र, कहा- पीड़िता को उसके मां और भाई ने मारा | Nation One
हाथरसः हाथरस कांड में अब फिर नया मोड़ आ गया है. आरोपियों ने जेल से हाथरस के एसपी को पत्र लिखा है जिसमें परिवार वालों पर ही पीड़िता को मारने का आरोप लगाया गया है. इसके युवती की मां और भाई को दोषी बताया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
पत्र में आरोपियों लवकुश, रवि, रामकुमार उर्फ रामू और संदीप उर्फ् चंदू ने दावा किया है कि उनके ऊपर लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं. उन्हें गलत ढंग से जेल में बंद किया गया है. घटना के बाद अलग-अलग दिन पर आरोपियों के नाम शामिल किए गए और उन लोगों को जेल भेजा गया.
लड़की से थी संदीपी की दोस्ती, फोन पर होती थी बात
संदीप ने पत्र में दावा किया है, ‘पीड़िता मेरे गांव की लड़की थी, जिससे मेरी दोस्ती थी. हम लोगों की मुलाकात के साथ कभी-कभी फोन पर बात भी होती थी. हमारी दोस्ती उसके घरवालों को पसंद नहीं थी. घटना के दिन मेरी उससे खेत पर मुलाकात हुई. उसके साथ उसकी मां और भाई थे. उसके (पीड़िता) के कहने पर मैं तुरंत घर चला गया और वहां अपने पिता के साथ पशुओं को पानी पिलाने लगा.’ मुझे कुछ देर बाद गांववालों से पता चला कि पीड़िता को उसके भाई और मां ने मारा-पीटा है. पिटाई के कारण उसे गंभीर चोटें आईं, बाद में वह मर गई. मैंने कभी भी पीड़िता को न तो मारा और ना ही कोई गलत काम किया.
भाई और मां ने हमें झूठे आरोपों में फंसाया
संदीप का कहना है कि इस मामले में पीड़िता के भाई और मां ने उन लोगों को झूठे आरोपों में फंसाकर जेल भिजवा दिया. उसका दावा है कि वे लोग निर्दोष हैं. उसने अनुरोध किया है कि इस मामले में जांच कराकर उन लोगों को न्याय दिलाया जाए.
6 माह में 104 बार फोन कॉल्स का हुआ खुलासा
बुधवार को मुख्य आरोपी संदीप और लड़की के भाई के बीच फोन कॉल्स को लेकर बड़ा खुलासा हुआ था. दोनों के बीच 13 अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक 104 बार बातचीत हुई. पूरा कॉल ड्यूरेशन करीब 5 घंटे का है, जबकि, दोनों के घर 200 मीटर की दूरी पर ही हैं. 62 कॉल संदीप ने तो 42 कॉल पीड़ित के भाई की तरफ से एक-दूसरे को किए गए.
जांच में लगी टीम के सूत्रों का दावा है कि पीड़िता के भाई का फोन उसकी पत्नी इस्तेमाल करती थी. इसी फोन से पीड़िता और संदीप के बीच बातचीत का दावा किया जा रहा है. सीडीआर में दोनों के बीच बातचीत में करीब 60 कॉल रात के समय का होना पाया गया.
परिजनों ने जेल में जान को खतरा बताया
इस बीच, आरोपियों के परिजन ने जेल में बंद अपने लड़कों की जान को खतरा बताया. उनका कहना है कि हमारे बच्चे जेल में सुरक्षित नहीं हैं. आरोपी रामू की भाभी ने कहा कि जेल में नेता मिलने जा रहे हैं. कहा जाता है कि जेल में सुरक्षा होती है लेकिन, मेरे बच्चों को जेल में खतरा है.
क्या है पूरा मामला?
हाथरस में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की दलित युवती से कथित गैंगरेप किया था. आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी. दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई. मामले में चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं.
हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था. मंगलवार को सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हलफनामे में भी रेप न होने की बात कही गई है.योगी सरकार मामले की जांच एसआईटी से करवा रही है। सीबीआई जांच की सिफारिश भी की है. पीड़िता का शव जल्दबाजी में जलाने और लापरवाही के आरोपों के बीच हाथरस के एसपी समेत 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए हैं.