29 अप्रैल को पीएम नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्रियों के केदारनाथ आगमन के दौरान लेजर शो के प्रस्तावित कार्यक्रम पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में लेजर शो शास्त्र के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि स्कंद पुराण की मान्यता के मुताबिक केदारपुरी में शिव तथा बद्रीनाथ में विष्णु जीवंत रूप में मौजूद हैं। पीएम की खातिर लेजर शो के जरिये आस्था से खिलवाड़ कर उन्हें प्रतीक रूप में दिखाने का कांग्रेस पुरजोर विरोध करती है।
शांत शिव को नटराज मुद्रा में क्यों दिखाना चाह रही भाजपा
हरदा ने कहा कि पीएम मोदी इस बार राज्य को क्या देते हैं, इसका इंतजार है। भाजपा राजनीतिक फायदे के लिए केदारनाथ पर लेजर शो से मान्यता के विरुद्ध काम कर रही है। शांत शिव को भाजपा नटराज मुद्रा में क्यों दिखाना चाह रही है यह समझ से परे है। राहुल गांधी की तारीफ करते हुए हरीश रावत ने कहा कि गुजरात चुनाव के बाद से कांग्रेस में भी मंदिरों व जनेऊ की ओर झुकाव के सवाल पर हरदा ने कहा कि हिंदू धर्म उदारता का प्रतीक है और पंडित को उसका प्रतिनिधित्व करने वाला माना जाता है।
पंडित नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक इसी उदारता के वाहक के रूप में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन मोदी तो ध्यान को भी मार्केटिंग का हिस्सा बना देते हैं। त्रिवेंद्र रावत के कामकाज की तारीफ के सवाल पर हरदा ने कहा कि उनका स्नेह सीएम से नहीं बल्कि राज्य के राजनीतिक स्थायित्व से है।