कुंभ 2019 में ब्लैकलिस्ट हुई कंपनी लल्लूजी एंड संस को गुजरात-उड़ीसा में डेढ़ अरब का ठेका | Nation One
कुंभ मेला 2019 में 109 करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनाने के आरोप में ब्लैक लिस्ट हुए सबसे बड़ी टेंट सुविधा प्रदाता कंपनी लल्लूजी एंड संस को गुजरात और उड़ीसा की सरकार ने करोड़ों रुपये के टेंडर दिए हैं। गुजरात के नर्मदा स्थित केवडिया में यूनिटी ऑफ स्टैचू घूमने वाले पर्यटकों के ठहरने के इंतजाम से लेकर कच्छ में रण उत्सव में टेंट सिटी बसाने तक का ठेका लल्लूजी एंड संस को दिया गया है।
बता दें कि हरिद्वार कुंभ में भी टेंट नगरी बसाने का काम इसी कंपनी को दिया गया है। लेकिन अब सवाल उठता है कि कुंभ 2019 में गड़बड़ी पर जब लल्लूजी एंड संस को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है, तो फिर दूसरे राज्यों या शहरों के मेलों, महोत्सवों या प्रदर्शनियों को बसाने के लिए इस पर भरोसा कैसे किया जा सकता है।
जानकारी के लिए बता दें कि लल्लूजी एंड संस कंपनी को कुंभ मेला में फर्जी मांगपत्रों, कार्यादेशों के आधार पर करोड़ों रुपये के बिल बनाकर भुगतान की कोशिश में ब्लैकलिस्ट किया गया है। ऐसे में कंपनी की कार्यशैली व भरोसे पर उंगली उठने लगी है।
लल्लूजी एंड संस के सलाहकार विश्वनाथ मिश्र बताते हैं कि उड़ीसा, गुजरात समेत कई राज्यों में उनके काम की तारीफ की जा रही है। कुंभ में भी देश, दुनिया से आए पर्यटकों व साधु-संतों ने उनके काम को सराहा था, लेकिन अब मेला प्रशासन जानबूझ कर उन्हें घेरने की कोशिश कर रहा है।
वहीं ब्लैक लिस्ट होने के बाद भी संगम की रेती पर माघ मेला बसाने के लिए लल्लूजी एंड संस ने टेंडर डाला है। कहा जा रहा है कि कुंभ हो या माघ मेला या फिर इस तरह का कोई भी महोत्सव, लल्लूजी एंड संस के बिना बसाना संभव नहीं है। यही वजह से ही हरिद्वार कुंभ की भी जिम्मेदारी लल्लूजी एंड संस को ही दिए जाने की तैयारी है। इसलिए कि अबतक इस क्षेत्र में इस कंपनी का दूसरा विकल्प नहीं खड़ा हो सका है।