Kumbh Corona Fraud: नैनीताल हाईकोर्ट ने कुम्भ मेले के दौरान कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े के मामले में नहीं दी ज़मानत, जानिए पूरा मामला | Nation One
Kumbh Corona Fraud: हाईकोर्ट नैनीताल ने कुम्भ मेले के दौरान कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े के मामले में सुनवाई करते हुए मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरत पंत, मलिका पंत और नलवा लैब के आशीष वशिष्ठ की ओर से दायर तीन अलग-अलग जमानत पत्रों एक साथ सुनवाई करते हुए किसी को भी जमानत न देनेका निर्णय लिया है।
वहीं अगली सुनवाई के लिए 24 मार्च की तिथि तह करी है और सरकार को केस डायरी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि सुनवाई न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की मौजूदगी में हुई।
Kumbh Corona Fraud: सरकार ने फर्जी टेस्टिंग का लगाया आरोप
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि इनके द्वारा फर्जी टेस्टिंग की गई है, जिसके ऐवज में सरकार को 4 करोड़ रुपये का बिल भी दिया गया। जिसके बाद मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल द्वारा कोई फर्जी टेस्टिंग नहीं की गई, वे तो मात्र सर्विस एजेंसी थे।
इसे भी पढ़े – Uttarakhand Jobs: उत्तराखंड में एएनएम के 824 पदों पर भर्ती, जानिए कैसे करे आवेदन | Nation One
उन्होने बताया कि जो टेस्ट किए गए वे लालचंदानी और नलवा लैब द्वारा किए गए। वहीं बताया कि नलवा लैब ने एक लाख चार हजार दो सौ सत्तावन और लालचंदानी लैब ने तेरह हजार टेस्ट किए।
जिसके बाद एक भी टेस्ट फर्जी साबित नहीं हो पाया औऱ कोर्ट ने पूर्व गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी। लेकिन मामले के विवेचना अधिकारी ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 467 और बढ़ा दी।
Kumbh Corona Fraud: आरोपियो ने जमानत प्रार्थना पत्र दायर करते हुए कही ये बड़ी बात
बता दें कि शरत, मलिका और आशीष ने जमानत अर्जी लगाई आरोपी शरत पंत, मलिका पंत और आशीष वशिष्ठ ने जमानत प्रार्थना पत्र दायर कर कहा कि वे मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेस में एक सर्विस प्रोवाइडर हैं।
इसे भी पढे़ – Uttarakhand: किराए के मकान में चल रहा देह व्यापार का धंधा, आपत्तिजनक स्थिति में किया गिरफ्तार | Nation One
सारा काम स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की निगरानी में किया गया था। साथ ही अधिकारियों की मौजूदगी में ही परीक्षण स्टॉलों को मंजूरी दी गई थी। और अगर कोई गलत कार्य कर रहा था तो उस दौरान अधिकारी बोले क्यो नही, वह चुप क्यों रहे?