
जानिए आखिर क्यों मनाई जाती है छोटी दीपावली…
दीपावली को दीपों का त्योहार कहा जाता है। इस त्योहार को अंधेरे पर प्रकाश की जीत के तौर पर भी मनाया जाता है। इस दिन हर कोई अपने घरों में और उसके बाहर दीपक जलाता है। दिवाली पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है।
छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी…
वहीं दिवाली के त्योहार से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है। छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। इस दिन घरों में यमराज की पूजा की जाती है। छोटी दिवाली पर शाम के वक्त घर में दीपक लेकर घूमने के बाद उसे बाहर कहीं रख दिया जाता है। इस यम का दीपक कहते हैं। इस दिन कुल 12 दीपक जलाए जाते हैं। ऐसा कहते हैं कि यमराज के लिए तेल का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु भी टल जाती है।
नरक चतुर्दशी पर स्नान का महत्व…
मान्यता है कि इस दिन प्रातःकाल या सायंकाल चन्द्रमा की रौशनी में जल से स्नान करना चाहिए। इस दिन विशेष चीज़ का उबटन लगाकर स्नान करना चाहिए। कहते है कि जल गर्म न हो, ताजा या शीतल जल होना चाहिए। ऐसा करने से न केवल अद्भुत सौन्दर्य और रूप की प्राप्ति होती है, बल्कि स्वास्थ्य की तमाम समस्याएं भी दूर होती हैं। इसके अलावा इस दिन स्नान करने के बाद दीपदान भी अवश्य करना चाहिए।
उबटन लगाकर स्नान करने का महत्व…
मान्यता है कि इस दिन चन्दन का उबटन लगाकर स्नान करने से प्रेम में सफलता प्राप्त होती है। इसके अलावा चिरौंजी का उबटन लगाकर स्नान करने से लम्बे समय तक आकर्षण बना रहता है। त्वचा और मन को शुद्ध करने के लिए हल्दी का उबटन लगाकर स्नान करने की मान्यता है। इसके अलावा सरसों का उबटन लगाकर स्नान करने से त्वचा खूब चमकदार हो जाती है और आलस्य दूर होता है।
लंबी आयु के लिए करें ये काम…
नरक चतुर्दशी पर मुख्य दीपक लम्बी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए घर के मुख्य द्वार के बाएं ओर अनाज की ढेरी रखी जाती है। इसके अलावा इस पर सरसों के तेल का एक मुखी दीपक जलाए जाते है। दीपक का मुख दक्षिण दिशा की तरफ किया जाता है और वहां पर पुष्प और जल चढ़ाकर लम्बी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना की जाती है।
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