नई दिल्ली: हर साल की तरह इस साल भी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। लेकिन शायद की कुछ लोगों को पता होगा कि आखिर ये दिन इतना खास क्यों है? क्यों इसी दिन भारत को स्वतंत्रता मिली थी? यह सवाल आज भी सबके उठता होगा कि आखिर 15 अगस्त 1947 को ही क्यों आजादी मिली और दिन क्यों नहीं मिली? तो चलिए आज हम आपको आपके सवालो के जवाबों से रुबरू करते है। कि क्यों यह दिन खास?
आखिर 15 अगस्त 1947 ही क्यों?
अंग्रेजों से 200 साल की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली। लेकिन यह प्रश्न सोचनीय है कि आखिर हिंदुस्तान को आजादी 15 अगस्त को ही क्यों मिली? इस बात में कोई दो राय नहीं आजादी के साल को लेकर यह बात समझ में आती है कि गांधी जी के भारत छोड़ो आंदोलन के दबाव के चलते और जिन्ना और नेहरू के बीच बंटवारे को लेकर लगातार बढ़ रहे विवादों ने लॉर्ड के लिए समस्या को और जटिल बना दिया था लिहाजा उन्होंने भारत को जून 1948 की बजाय अगस्त 1947 में ही आजादी देना ठीक समझा।
पॉलिसी के मुताबिक भारत को जून 1948 तक स्वतंत्र…
लेकिन इस सबके अलाव भी जो एक अहम सवाल उठता है वह यह कि अंग्रेजों ने आखिर 15 अगस्त की तारीख का चयन करना ही क्यों उचित समझा? दरअसल, देखा जाए तो भारत को आजाद करने का फैसला ब्रिटेन की सरकार ने 26 फरवरी 1947 को ही कर लिया था और इसी के साथ ब्रिटिश सरकार ने एक अहम पॉलिसी की घोषणा की थी। पॉलिसी के मुताबिक भारत को जून 1948 तक स्वतंत्र कर करने का फैसला किया गया और यही आजादी हेंडओवर करने के लिए लॉर्ड माउंटबैटन को भारत का वायसरॉय नियुक्त किया गया।
तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन के प्रेस सचिव कैंपबेल…
इस तरह जब इस बात का निर्धारण हो गया कि आजादी एक साल पहले ही दी जानी है, लेकिन अब सन् 1947 के माह और माह में भी तारीख का चयन करना शेष था तो लॉर्ड ने 15 अगस्त की तारीख चुनी। तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन के प्रेस सचिव कैंपबेल जॉनसन के मुताबिक़ लॉर्ड का निजी फैसला था, क्योंकि वे 15 को अपने कॅरियर के लिए काफी लकी मानते थे। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 15 अगस्त 1945 को ही जापान की सेना ने उनके सामने हथियार डाले थे।