Kedarnath Yatra: उत्तराखंड में चार धाम यात्रा तीन मई से शुरू हो चुकी है। इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु देश के कोने-कोने से दर्शन के लिए आ रहे हैं। चारों धामों में पर्यटकों की भारी भीड़ लगी है।
Kedarnath Yatra की तस्वीरों ने बढ़ाई चिंता
बता दें कि इसी बीच केदारनाथ धाम से कुछ तस्वीरे सामने आई है जिन्हे देखकर स्थिति काफी चिंताजनक हो गई है।
दरअसल धाम में दर्शन करने आ रहे श्रद्धालु खुले में ही कूड़ा-कचरा फेंक रहे हैं। जिस वजह से केदारनाथ के आसपास में कूड़ा कचरा इकट्ठा हो रहा है और यह गंदगी केदारनाथ की सुंदरता को खराब कर रही है।
बता दें कि इस बार केदारनाथ धाम में भारी संख्या में तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं लेकिन अपने साथ लाए प्लास्टिक के कचरे को यहीं छोड़ कर जा रहे हैं।
वहीं पैदल मार्ग से लेकर धाम तक चारों ओर सिर्फ कूड़ा – कचरा दिख रहा है। जिससे इस खूबसूरत स्थल की शोभा खराब हो रही है। प्लास्टिक कचरे के निवारण को लेकर जिला प्रशासन भी कोई बड़ा कदम नहीं उठा रहा है।
केदारनाथ में इस कदर फैला कूड़ा-कचरा
जानकारी के लिए बता दें कि 19 मई को पैदल मार्ग से केदारनाथ धाम तक एक विशेष अभियान चलाया गया था जिसमें यात्रियों से निवेदन किया गया था कि धाम की सुंदरता को खराब ना करें और प्लास्टिक कचरे को अपने साथ वापस लेकर जाएं,लेकिन इसके बावजूद कुछ असर नही दिख रहा है।
आवेदन के बाद जो तस्वीरें सामने आ रही है, उनपर सवाल उठाए जा रहें कि क्या हम 2013 जैसी आपदा को दुबारा निमंत्रण दे रहे हैं।
प्रोफेसर ने समस्या पर व्यक्त की चिंता
प्रोफेसर एमएस नेगी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि केदारनाथ जैसे संवेदनशील स्थिति पर जिस तरह प्लास्टिक का कूड़ा कचरा जमा हो गया है।
वह हमारी परिस्थिति के लिए खतरनाक है और यह भविष्य में भूस्खलन का कारण बन सकता है। हमें 2013 में आई आपदा को ध्यान में रखते हुए सावधान रहना चाहिए।
वहीं प्रो. एमसी नौटियाल ने कहा कि धाम में पर्यटक होती है संख्या का पहले की अपेक्षा कई गुना बढ़ गई है। हमारे पास उचित स्वच्छता सुविधाएं नहीं होने की वजह से प्लास्टिक कचरा भी बढ़ गया है। जिससे प्राकृतिक वनस्पति में प्रभावित हो रहे हैं और औषधीय पौधे विलुप्त होते जा रहे हैं।