कायस्थ- एक एनसाइक्लोपीडिया अनकही कहानियों का” पुस्तक का ऑनलाइन लोकार्पण | Nation One
अंग्रेजी और हिंदी में ” कायस्थ- एक एनसाइक्लोपीडिया अनकही कहानियों का” नामक पुस्तक आज ऑनलाइन लांच की गई। अपनी तरह की यह पहली पुस्तक है जो भारत के 21 राज्यों में किए गए अनुसंधान का परिणाम है।
पुस्तक के लेखक उदय सहाय हैं जो स्वैच्छिक रूप से सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा के प्राधिकारी रह चुके हैं। अमेरिका के क्वीवलैंड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में सेवारत डाॅ. पूनम बाला इस पुस्तक की सहायक लेखिका हैं। पुस्तक का हिंदी में अनुवाद गांधी हिंदी संस्थान के वर्तमान सचिव और प्रतिष्ठित पत्रकार, अशोक कुमार द्वारा किया गया है।
पुस्तक के लोकार्पण की तिथि चैत्र पूर्णिमा है जो हिंदू लेखन देवता चित्रगुप्त का अवतरण दिवस है। मान्यता है चित्रगुप्त कायस्थों के देवता हैं, जिन्हें सभी प्राणियों के अच्छे-बुरे कार्यों के आकलन का कार्य ब्रह्मा जी ने सौंपा है।
400 पृष्ठों में भारत के कायस्थ समुदाय के सभी रंगों को यह पुस्तक कैनवास पर उतारती है, जिसमें उनका इतिहास, प्रवासन, पौराणिक कथा, उप-जातियां, व्यंजन और अन्य सभी विवरण हैं।
पुस्तक का पूर्वावलोकन विभिन्न क्षेत्रों के मशहूर हस्तियों द्वारा किया गया है, जैसे- अमिताभ बच्चन, शत्रुघ्न सिन्हा, इतिहासकार एंजेला व्लाकाट, अशोक विश्वविद्यालय के प्रथम राज सिन्हा, जापान में भारत के राजदूत- संजय कुमार वर्मा, पीपी श्रीवास्तव और मंजरी जरुहार जैसे प्रतिष्टित सिविल सेवक।
पुस्तक के लेखक उदय सहाय ने कहा कि- यह पुस्तक सामुदायिक अध्ययन है और यह कई शताब्दियों में फैली कायस्थों की गौरवशाली विरासत को संरक्षित करने का इरादा रखती है। सह लेखिका पूनम बाला ने बताया कि – पुस्तक ने प्रकाशन के पहले ही दुनिया के कोने-कोने में लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।
भाजपा के पूर्व सांसद आर के सिन्हा ने इस अवसर पर पुस्तक के लेखकों को बधाई देते हुए कहा कि- पुस्तक सभ्यता के बदलाव और कायस्थों के प्रवासन की प्रक्रिया को समझने का महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा- ”कायस्थों के तीन प्रकार मौजूद थे, लेकिन वे अपनी अज्ञानता की खोली में बंद रहे, पर अब यह पुस्तक उन्हें एक साथ लाने में मददगार साबित होगी।
पूर्व कैबिनेट मंत्री सुबोधकांत सहाय ने पुस्तक में उल्लेखित चित्रगुप्त सर्किट के तहत कायस्थों के तीर्थयात्रा के महत्व को बताया।